देहरादूनः भाजपा संगठन मंत्री के खिलाफ मी-टू मामले के तहत मामला दर्ज होने के बाद जांच में उन पर से धारा-376 हटा दी गई थी, लेकिन उसी मामले में नया मोड़ आया है। पीड़िता ने डीजीपी को पत्र लिखकर मामले की नये सिरे से जांच कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि जांच का आधार नई घटना को माना गया, जबकि घटना पुरानी थी। पुलिस ने पुरानी घटनाओं की जांच को छोड़कर नई घटनाओं को आधार बनाकर धारा-376 हटा दी।
मीटू प्रकरण में पुलिस ने भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार के खिलाफ 15 मई को यौन उत्पीड़न की धारा में चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस के अनुसार घटना की जो तारीख बताई गई है उस दिन संजय कुमार देहरादून से बाहर मंत्री की बेटी की शादी में शामिल थे। इसके अलावा रिपोर्ट में संजय कुमार के मोबाइल से डाटा उड़ाने की पुष्टि भी नहीं हुई थी। पुलिस ने उसी आधार पर विवेचना में दुष्कर्म की धारा हटा दी थी।
पीड़िता पहले से ही पुलिस की विवेचना पर सवाल उठा रही है। पुलिस महानिदेशक को भेजी लिखित शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि विवेचना करने वाले अधिकारी ने आईपीसी की धारा 376 यह कहते हुए हटा दी कि घटना के दिन आरोपी संजय कुमार देहरादून में ही उपस्थित नहीं थे। संजय कुमार के मोबाइल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा था, उसकी रिपोर्ट को भी 376 हटाने का आधार बताया गया है। जबकि वह कई बार विवेचक को बता चुकी थी कि घटना अप्रैल के अंतिम या मई 2018 के पहले सप्ताह की है।