हरिद्वार- मातृसदन के संतो ने हरिद्वार प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कनखल थानाध्यक्ष को सौपी तहरीर में मातृसदन के संत दयानंद ने प्रशासनिक अधिकारियों पर मातृ सदन के दो संतों और उनके गुरू स्वामी शिवानंद को मारने के प्रयास का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि गंगा की छाती पर खनन की मूंग दलने का धंधा पूरी तरह बंद करने की मांग को लेकर मातृ सदन एक लंबे अर्से से आंदोलन की राह पर है। गंगा की अस्मिता के लिए मातृसदन के स्वामी निगमानंद कुर्बानी भी दे चुके है।
अब मातृसदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने खनन को पूरी तरह से बंद करने के लिए कठोर तप मे बैठे हुए हैं। बीते शुक्रवार से जल त्यागे हुए स्वामी शिवानंद ने मौन व्रत भी धाराण किया है।
हालांकि स्वामी के तप तुड़वाने के चलते बीते रोज मातृसदन में प्रशासन और सदन के बीच जमकर हंगाम हुआ। जिसके चलते स्वामी का मौन व्रत टूट गया। प्रशासन,पुलिस की मदद से तमाम मशक्कत के बाद मातृसदन में दाखिल हुआ। लेकिन घंटों वार्ता के बाद भी स्वामी अपना जलव्रत तोड़ने को तैयार नहीं हुए।
इससे पहले प्रशासन ने स्वामी शिवानंद से मुलाकात के लिए कई तरह के पापड़ बेले। जिनमें तारबाड़ कटवाने से लेकर ग्रिल और ताला तोड़ने तक शामिल हैं। बावजूद इसके उम्रदराज स्वामी अपने कठोर तप से टस-मस नही हुए।
जब प्रशासन ने साधना कक्ष का दरवाजा काटने की कोशिश की तो स्वामी ने अपना हाथ आगे कर दिया और कहा कि पहले उनका हाथ कटेगा फिर दरवाजा। लिहाजा प्रशासन देर रात तक मातृ सदन के परिसर में मौजूद रहा।
बहरहाल देखना ये है कि मातृसदन की तहरीर पर पुलिस क्या कार्यवाही करती है। एक्शन लेती है यूं ही हल्के में उड़ा देती है।