देहरादून- भारत मां का लाडला और उत्तराखंड का बहादुर बेटा हवलदार नरेंद्र बिष्ट पंचतत्व में विलीन होकर उसी भारत मां की गोद में समा गए हैं जिसकी हिफाजत के लिए उन्होने खुद को फना किया।
आज सुबह शहीद नरेंद्र बिष्ट के सेलाकुई स्थित आवास पर भारी भीड़ के साथ गमगीन माहौल में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, विधायक बंशीधर भगत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान और विधायक सहदेव पुंडीर समेत पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह चौहान ने उत्तराखंड के लाल को भारी मन से पुष्पांजलि देते हुए अंतिम विदाई दी।
मुख्यमत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा शहीद नरेंद्र बिष्ट की शहादत को न तो मुल्क कभी नहीं भूलेगा और न ही उनकी शहादत व्यर्थ जाएगी। रावत ने कहा शहीद हमेशा हमारे दिलों में प्रेरणा स्रोत के रूप में जिंदा रहेंगे।
इस मौके पर सीएम ने शहीद के परिजनो को सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सीेएम रावत ने शहीद नरेंद्र बिष्ट की गमगीन बेटियों को ढाढस बधाया और भंरोसा दिया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर सूबे में सरहदों से आने वाले ताबूतों का ये सिलसिला कब थमेगा?