राहुल के शहीद होने की खबर सुनकार उनके परिवार में मातम पसर गया। उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। राहुल के पिता किसी तरह अपनी बहू को संभाल रहे हैं। अपनी बेटियों और पत्नी को संबल दे रहे हैं, लेकिन उस पिता का दर्द कौन बांटेगा, जिसने देश पर अपने लाल को कुर्बान कर दिया। वो बीच-बीच में भावुक हो उठते। आंखें भर आती, लेकिन खुद संभलते हुए परिवार के दूसरे सदस्यों को संभालने के लिए अपने आंसू पोंछ लेते। शहीद राहुल का पर्थिव शरीर कुछ घंटों में उनके गांव पहुंच जाएगा। प्रदेश सरकार की आर से परिवहन मंत्री यशपाल आर्य शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि देने शहीद के गांव जा रहे हैं।