बीते दिनों आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए। देश ने बहादुर कर्नल, मेजर और तीन जवान खो दिए। वहीं अब शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद की दोस्ती के किस्से चर्चाओं में हैं। दोनों की फोटो भी वायरल हो रही हैं।
देहरादून आईएमए में हुई थी मुलाकात
सेना के ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार और वायरल फोटो से साफ है कि दोनों शहीदों की खास दोस्ती थी और बॉन्डिंग थी। कर्नल और मेजर एक दूसरे को देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी के दिनों से ही जानते थे। इनकी शहादत के बाद सेना की ओर से ऐसा ही एक ट्वीट किया गया है। इसमें शहीद कर्नल और शहीद मेजर की दोस्ती का जिक्र किया गया है।
कर्नल आशुतोष जो उन दिनों मेजर थे और अनुस इसके इंचार्ज
सेना की ओर से किए गए ट्वीट कर जानकारी दी गई कि 2011 में बटालियन की जम्मू-कश्मीर के लिए ट्रिप जानी थी। कर्नल आशुतोष जो उन दिनों मेजर थे और वे इसके इंचार्ज थे। उस समय से ही दोनों के बीच बेहतर बॉन्ड था। सौभाग्य से मेजर अनुज भी उसी बटालियन में कमीशंड हुए जिससे कर्नल आशुतोष संबंध रखते थे। दोनों बेहतरीन छात्र और बेहतरीन अफसर थे। सेना ने ट्वीट किया कि अब वे हमारे साथ नहीं है। उन्होंने सेना के साथ रहने के उच्च परंपरा के साथ इस दुनिया को छोड़ दिया है।
अपने अनुशासन और इंटेलिजेंस के चलते अव्वल रहे अनुज
एनडीए में मेजर सूद का अलग रिकॉर्ड था। वो ड्यूटी के प्रति काफी गंभीर थे। अनुज 6 बार वे अपने अनुशासन और इंटेलिजेंस के चलते अव्वल रहे. इन्फैंट्रीमैन होने के बावजूद उन्होंने आईआईएससी बेंगलुरु से एमटेक किया और डिस्टिंक्शन मार्क से टॉप किया.फिर आईआईटी की लेकिन आईआईटी छोड़ उन्होंने वर्दी को चुना।
कर्नल की अलग ही शौर्य गाथा
वहीं कर्नल की अलग ही शौर्य गाथा है। उन्हें दो बार बहादुरी के लिए मेडल मिले। उन्होंने कई आतंकियों का खात्मा किया था। आतंकियों के लिए खौफ का दूसरा नाम था कर्नल आशुतोष। जाते जाते भी वो लश्कर के टॉप कमांडर को ढेर कर गए।
पिता को बेटे की शहादत पर गर्व
वहीं पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है। शहीद अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने एएनआई को कहा कि अनुज ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह उसकी ड्यूटी और जो उसे प्रशिक्षण दिया गया था उसका हिस्सा था। मैं केवल उसकी पत्नी को लेकर दुखी हूं क्योंकि तीन-चार महीने पहले ही शादी हुई है।