देहरादून। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी को विजलेंस के घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए जाने के बाद ये बात दो महीने के भीतर ही दूसरी बार सही साबित हो गई है कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बिना घूस दीए कुछ काम नहीं होता है। एक महीने पहले सचिवालय शिक्षा अनुभाग में तैनात कविंद्र सिंह का प्राईवेट स्कूल को मान्यता देने को लेकर वायरल आडियो के सामने आने के बाद साबित हो गया था कि शिक्षा विभाग में प्राईवेट स्कलों संचालकों को तभी एनओसी मिलती है, जब सचिवालय में बैठे कर्मचारियों को पैंसे दिए जाएं। वहीं, दूसरी ओर अल्मोड़ा जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी के द्वार एक रिटायर शिक्षक से घूस लेने के लिए झूटे आरोपों में उनके खिलाफ जांच किए जाने से भी साबित हो गया कि शिक्षा विभाग में घूसखोरी चरम पर है।
अधिकारियों की हो जांच
शिक्षा विभाग में चल रही घूससखारी के बीच राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग में किस तरह भ्रष्ट अधिकारी हैं, इसका सबूत विजिलेंस की कार्रवाई से पता चल गया है। इसलिए वह सरकार से मांग करते हैं कि विभाग के सभी अधिकारियों की जांच की जाए। जिस तरह प्रदेश में शिक्षकों की डिग्रियों जी जांच की जा रही है. ठीक उसी तरह शिक्षा विभाग के अधिकारियेां की जांच के साथ ही डिग्रीयों की जांच भी कि जानी चाहिए। इससे ये भी पता चल जाएगा कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग में कितने फर्जी अधिकारी हैं और कितने भ्रष्ट अधिकारी हैं। उनहोंने दवा किया कि यदि विभाग में अधिकारी अच्छे हों तो शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होने के साथ ही विभाग खुद भी बेहतर हो जाएगा।