देहरादून- उत्तराखंड परिवहन निगम की बस में हल्द्वानी से दिल्ली जाते समय एक युवती के साथ हुई छेड़छाड़ के मामला में नया मोड़ आ गया है. अब मामला मेल के खेल पर अटक गया है. जिससे ये साफ पता चलता है कि इस मामले को लेकर परिवहन निगम कितना गंभीर है.
निगम को जहां मामले का संज्ञान लेकर आगे से इस तरह की घटना निगम की बसों में ना घटित हो इसको लेकर व्यवस्थाओं में सुधार करना चाहिए था लेकिन परिवहन निगम के अधिकारी व्यवस्थाओं में सुधार करने की बजाय आपस में ही इस कदर उलझ रहे हैं जैसे उनकी जिम्मेदारी व्यवस्थाओं के सुधारने की नहीं बल्कि एक दूसरे पर आरोप मढ़ कर मामले को शांत करने की है।
जी हां लड़की से बस में हुई छेड़छाड़ के बाद जब मामला निगम पर उठने लगा कि आखिरकार उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है तो और जगह से क्या उम्मीदें की जा सकती है. तो वहीं निगम ने मामले में पिथौरागढ़ के एआरएम को सस्पेंड कर दिया था. पूरे मामले की जानकारी मुख्यालय में देने पर एआएम को सस्पेंड किया गया था.
अब मेल के खेल से एक दूसरे पर आरोप बने जा रहे हैं
एआरएम के सस्पेंड होने के बाद माना जा रहा था कि मामला शांत होने वाला है और व्यवस्थाओं में परिवहन निगम में सुधार देखने को मिलेगा लेकिन निगम के कर्मचारी तो एक दूसरे पर मामले की भड़ास निकालने की सोचे हुए थे. यही वजह है कि अब मेल के खेल से एक दूसरे पर आरोप बने जा रहे हैं.
सस्पेंड एआरएम का कहना- तुरंत कर दी थी जानकारी मुख्यालय मेल
पिथौरागढ़ के एआरएम जो कि मामले में सस्पेंड किए गए हैं उन्होंने अपने सस्पेंड ऑर्डर को गलत बताया और कहा है कि निगम ने जो वजह उन्हें सस्पेंड करने को लेकर बताई है वह उन्होंने निगम को घटना के बाद मेल के जरिए बता दी थी. सस्पेंड किए गए एआरएम राजेंद्र कुमार आर्य का कहना है कि जैसे ही उन्हें घटना की पूरी जानकारी परिचालक के द्वारा मिली उन्होंने तुरंत मेल के जरिए इसकी जानकारी परिवहन निगम के मुख्यालय को भेज दी, लेकिन लगता है मुख्यालय में उनकी मेल को किसी ने नहीं देखा और यही वजह है कि उन्हें बेवजह सस्पेंड कर दिया गया है.
एमडी का कहना- नहीं मिली मेल, एआरएम की ब्लैकमेल मुख्यालय को मिली
वही परिवहन निगम के MD बृजेश संत का कहना है कि यह एआरएम के द्वारा मुख्यालय को घटना से संबंधित कोई मेल नहीं मिली है. बल्कि जब घटना के बाद निगम ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और एआरएम को सस्पेंड किया उसके बाद एआरएम की ब्लैकमेल मुख्यालय को प्राप्त होती है.