रुड़की : भले ही केन्द्र या प्रदेश सरकारे लॉक डाउन में फँसे लोगों को उनके घर पहुंचाने के लाख दावे कर रही हो पर अगर गरीब मज़दूरों की पीढ़ा को देखा जाए तो हकीकत कुछ और ही नज़र आती है।
ऐसा ही मामला एक परिवार के 16 लोगों की लाचारी देख कर सरकार के दावों की पोल खुलती नज़र आती है। जी हाँ पिछले कई वर्षो से मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले यह लोग हरिद्वार में गोल गप्पे बेच कर जीवन यापन कर रहे थे इनमें बच्चे महिलाएं और पुरुष सहित कुल 16 लोग थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते इन गरीबों पर दोहरी मार पड़ गई एक तो कारोबार खत्म हुआ दूसरा अपने घर जाने के लिए कोई साधन भी नही मिला। थक हार कर इस परिवार ने पैदल ही अपने घर जाने का फैसला किया और हरिद्वार से चलकर मंगलौर तक पहुंच गए।
जब यह लोग मीडिया से रूबरू हुए तो इनका दर्द छलक पड़ा और इन्होंने बताया कि उनका इरादा है कि वह किसी तरह उत्तरप्रदेश तक पहुंच जाएं फिर हो सकता है कि उन्हें वहाँ से कोई साधन मिल जाये जो उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का कोई रास्ता दिखाई दे जाए।