संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी दिवंगत प्रकाश पंत के पास थी। उनके निधन से पहले उपचार के दौरान ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत उनके विभागों को संभाल रहे हैं। सदन में लगातार उपस्थि नहीं रह पाने की स्थिति में उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री की जो भी जिम्मेदारियां होती हैं, उनको मदन कौशिक को सौंपा है।
यह पहले से ही माना जा रहा था कि मदन कौशिक का कद बढ़ाया जा सकता है। हालांकि अभी मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। लेकिन, जिस तरह से सीएम ने उनको अपनी प्रतिनिधि बनाकर संसदीय कार्यमंत्री का काम देखने के लिए अधिकृत किया है। उससे एक बात तो साफ हो गई है कि सीएम का भरोसा मदन कौशिक पर ही अधिक नजर आ रहा है। भविष्य में मंत्रीमंडल का विस्तार होने की स्थिति में उन्हीं को संसदीय कार्यमंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा सकती है।