लक्सर(गोविंद सिंह)-हर विभाग में अधिकारी होते हैं. अधिकारी यानि जिसके अधिकार में हो. लेकिन ये अधिकारी मोटी सैलरी लेते हैं और जिस काम के लिए इन्हे ये सैलरी दी जाती है उस काम से संबंधित जानकारी या कोई भी समस्या इनके संज्ञान में ही नहीं होती. क्या इनका कर्तव्य नहीं बनता खुद जाकर संंज्ञान लेने का. हो भी क्यों साहब मारबल से बने कमरे में एसी के नीचे जो बैठते हैं. तो उंहे जनता की क्या फिक्र होगी.
रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली के आंसू रोने पर मजबूर
मामला लक्सर का है. जहां का रेलवे स्टेशन प्रथम श्रेणी का रेलवे स्टेशन है. जिसको देखते हुए यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए. लक्सर रेलवे स्टेसन उत्तराखंड का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन भी है. रेलवे विभाग ने करीब 20 वर्ष पहले इसे प्रथम श्रेणी का दर्जा दे दिया था. आज यह रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली के आंसू रोने पर मजबूर है.
हालत यह है कि यात्रियों को इस स्टेशन से आगे जाने लिए सुबह से शाम तक गाड़ियों का इंतजार करना पड़ता है और इस दौरान उन्हें सुविधाओं की जरूरत भी पड़ती है लेकिन वह भी उस समय उन्हें सुविधायें नहीं मिल पाती है. यह रेलवे स्टेशन उत्तराखंड का द्वार भी माना जाता है लेकिन उनके बाद भी यहां सुविधाओ का टोटा बना हुआ है
आज जनता को प्लेटफॉर्म पर गंदगी से लेकर पीने के पानी तक की समस्या को झेलना पड़ता है. यहां रुके यात्रिओं को मजबूरन गंदगी में ही घंटों बैठकर गाड़ी का इंतजार करना पड़ता है.
इस रेलवे स्टेशन पर पीने के पानी की ऐसी कई टंकी है जिन्हें लकड़ी की खूंटी ठोककर बन्द कर दिया गया है. फ्लेटफॉर्म पर जगह जगह कूड़ा फैला रहता है और तो और स्टेशन पर यात्रियों को खाना बेचने वाले दुकानदार बचा हुआ खाना भी वहीं फैक देते हैं जिससे माहौल बदबूदार बना हुआ है.
न कोई पूछताछ केंद्र न पीने का पानी
यहां न ही तो कोई पूछताछ केंद्र पर बैठता है और न ही गाड़ियों के आनेजाने की सूचना समय से दी जाती है एक पैसेंजर गाड़ी पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से बंद चल रही है जिससे यात्रियों को हरिद्वार लक्सर सहारनपुर आने जाने में काफी परेशानी हो रही है ।
हमारे संवाददाता ने की जनता से औऱ रेलवे स्टेशन अधीक्षक से बात
जब हमारे संवाददाता ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर यहां रुके यात्रियों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां कोई व्यवस्था सही नहीं है. इस रेलवे स्टेशन पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है और सभी यात्रियों को इसी गंदगी के बीच बैठकर ही अपनी गाड़ी का इंतजार करना पड़ रहा है.
यहां कोई सफाई कर्मी तक दिखाई नहीं देता और न ही किसी गाड़ी के आने-जाने की कोई सूचना मिल पाती है. इस स्टेशन पर कोई सुनने वाला नहीं है, यात्रियों ने बताया कि चारो तरफ गंदगी का माहौल है।
जब जब हमारे संवाददाता ने इस पूरे मामले में लक्सर रेलवे स्टेशन अधीक्षक संतोष कुमार से बात की तो उन्होंने गाड़ी बंद होने के संबंध में बताया कि यह हमारा ऑफिसियल कारण है और 31 मार्च तक इस पैसेंजर ट्रेन को चला दिया जाएगा. जब हमने रेलवे स्टेशन पर फैली गंदगी औऱ पीने की पानी की समस्या को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि ये जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है और अगर कहीं ऐसा है तो हटवा दिया जायेगा.