हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मेरो मन कहां चैन पावै। जहाज कौ पंछी जैसे उड़ी उड़ी पुन: पुनः जहाज पै आवै॥
मैं भी फिर से अपने गांव और अपने ग्वेल देवता की शरण में जा रहा हूं। ग्वेल देवता के मंदिर के पास जो काफल के पेड़ हैं, वो मुझे ललचाते हुए पुकार रहे हैं “कहां हो, काफल खाने आओ।”
आगे हरीश रावत ने कहा कि शायद आपके गांव के जंगल के काफल के पेड़ भी आपको पुकार रहे होंगे। जरा अपने मन को टटोलिये, काफल खाने और ठंडा पानी पीने अपने गांव जाइए और नरेंद्र सिंह नेगी जी के अमर गीत “ठंडो ठंडो पाणी” को याद करिये।