कोटद्वार : लॉकडाउन के बीच सरकार ने आदेश दिया था कि मजदूरों को उनके मालिकों को सैलरी देनी ही होगी। मजदूरों श्रमिकों को सैलरी न देने पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कुछ लोग सरकार के आदेश को अनसुना कर रहे हैं और मजदूरों को भूखा सोने पर मजबूर कर रहे हैं।
कोटद्वार के स्टील प्लांट का मामला
जी हां मामला कोटद्वार के भाबर क्षेत्र के जशोधरपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक स्टील प्लांट का है। जहां श्रमिकों को पिछले दो महीने से तन्ख्वाह नहीं दी गई है। जिससे मजदूर लोग और उनका परिवार भुखमरी की कगार पर आ खड़े हुए हैं।
पुलिस ने भगाया, अब वो जाएं तो जाएं कहां?
श्रमिकों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कई बार फैक्ट्री प्रबंधन से वेतन मांगा लेकिन अभी तक वेतन नहीं दिया गया है। जिस कारण उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। उनके पास न पैसा है और ना घर में राशन पानी। उनका परिवार भूखे पेट सोने को मजबूर है। वहीं इसके बाद श्रमिकों ने पुलिस से मदद मांगी लेकिन उन्हें चौकी से भगा दिया गया। ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये आरोप मजदूरों ने लगाया है कि पुलिस चौकी जाने पर लॉकडाउन की बात कहकर उन्हें भगा दिया गया। अब वो जाएं तो जाएं कहां?
सरकार जल्द ले मामले का संज्ञान
जानकारी मिली है कि इस फैक्ट्री में 70 श्रमिक और कर्मचारी है जिन्हें दो महीने से सैलरी नहीं मिली है। उनका आरोप है कि सैलरी मांगने पर प्रबंधन कह रहा है कि फैक्ट्री मालिक किसी का भी फोन नहीं उठा रहे हैं। जानकारी दी कि बुधवार को सभी मजदूर कलालघाटी पुलिस चौकी भी शिकायत करने गए लेकिन पुलिस ने लॉक डाऊन का हवाला देकर सभी श्रमिकों को चौकी से भगा दिया। वहीं मजदूरों की सुनने वाला कोई नहीं है। हमारी अपील है कि सरकार जल्द मामले का संज्ञान ले औऱ मजदूरों को उनका हक दिलाया जाए ताकि परिवार पल सके।