- सुन्नी बोर्ड का यह कहना है कि बाबरी मस्जिद के निर्माण से लेकर ढहाए जाने तक नमाज पढ़ी जाती थी. बाहरी प्रांगण में हिंदुओं द्वारा पूजा का एक सुसंगत पैटर्न था. दोनों धर्मों द्वारा शांतिपूर्ण पूजा सुनिश्चित करने के लिए एक रेलिंग की स्थापना की गई. 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिन्दुओं पर कोई रोक नहीं थी.
- सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए शांतिपूर्ण कब्जा दिखाना असंभव है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर मालिकाना हक मांगा है. – चीफ जस्टिस
- ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी.- सीजेआई रंजन गोगोई
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हम शिया वक्फ बोर्ड की विशेष याचिका को खारिज करते हैं। शिया वक्फ बोर्ड ने 1946 में फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
- अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई थी। अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में जाना सही नहीं होगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजस्व रिकॉर्ड में विवादित जमीन सरकारी जमीन के नाम पर दर्ज है।
- ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी.- सीजेआई रंजन गोगोई
- मस्जिद किसने बनवाई यह भी स्पष्ट नहीं है.- सीजेआई रंजन गोगोई
- चीफ जस्टिस: हिंदू अयोध्या को राम का जन्मस्थल मानते हैं.
- ASI ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया था कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई- CJI
- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई : राम जन्मभूमि कानूनी व्यक्ति नहीं
- चीफ जस्टिस : ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था. ASI ने सबूत भी पेश किए हैं