देहरादून- प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषण के शिकार है, जो कि राज्य के लिए चिंता का विषय है. ये हम नहीं बल्कि नीति आयोग की ओर से जारी सूची में जारी किया गया है. समृद्ध खानपान और औसत आर्थिकी वाले उत्तराखंड में भी बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है।
देश के 170 कुपोषित जिलों की सूची में उत्तराखंड के चार जिले
नीति आयोग की ओर से जारी देश के 170 कुपोषित जिलों की सूची में उत्तराखंड से हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी और ऊधमसिंहनगर का नाम शामिल किया गया है। देशभर में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों में कराए गए पोषण के सर्वे में यह सामने आई। कुपोषित जिलों में बच्चों में उनकी आयु के हिसाब से लंबाई और भार में अपेक्षाकृत काफी कमी पाई गई।
31 फीसद क्षेत्र में बच्चे कुपोषण का शिकार
जनपद संख्या के हिसाब से भले ही कुपोषित जनपदों में उत्तराखंड का स्थान 13वां है, लेकिन राज्य के कुल जनपद संख्या और कुपोषित जनपदों की तुलना करें तो उत्तराखंड के 31 फीसद क्षेत्र में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जबकि, इस मामले में सात जिले कुपोषित होने के बाद भी उत्तर प्रदेश के महज नौ फीसद बच्चे ही कुपोषित हैं।
हालांकि, जिलों के हिसाब से उत्तर प्रदेश की रैंक चौथी है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश ऐसे जिले रहे जहां कुल जनपद व क्षेत्र के हिसाब से भी कुपोषण की स्थिति काफी गंभीर है। इस तरह महज दो जिलों वाले गोवा में एक जिला कुपोषित घोषित होने से 50 फीसद हिस्सा कुपोषित बच्चों की श्रेणी में खड़ा है।