देहरादून: राजधानी देहरादून में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत हो गई। मामले को लेकर सीएम ने गंभीरता से लिया। पुलिस ने भी मामले में तत्काल तीन पुलिस अधिकारियों को भी एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया। पुलिस यहीं नहीं ठहरी। पुलिस ने तुरंत शराब माफिया के साथ 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिहाड़ी करने वाले मजदूर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया, लेकिन जो बड़ी मछिलियां थी। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर क्षेत्र में लोगों में भारी गुस्सा है।
बड़ी मछलियों को छोड़ा
स्थानीय निवासी बबीता ने बताया कि पुलिस ने मामूली मजदूर पर मुकदमा किया है। बड़ी मछलियों का नाम तक नहीं लिया। उकना कहना है कि पिछले सप्ताह की उन्होंने धारा चैकी में उन्होंने खुद पुलिस को शराब बिकने की जानकारी दी थी। पुलिस के दौ सिपाही मौके पर गये भी, लेकिन खाली हाथ लौट आए, जबकि शराब बेचने वाले वहीं पर मौजूद थे। उनका आरोप है कि पुलिस की मिलभगत से ही सबकुछ चल रहा था।
महीने का हफ्ता
लोगों का यह भी आरोप है कि पुलिस को माफिया महीने का हफ्ता देते थे। इसके चलते ही पुलिस शराब माफिया पर कार्रवाई नहीं करती थी। विधायक पर भी कुछ लोगों ने सवाल खड़े किये, तो कुछ लोग उनके समर्थन में हैं। लोगों का कहना है कि सब मिलीभगत से हो रहा था। सवाल ये भी है कि विधायक के कहने के बाद भी अगर पुलिस ने कुछ नहीं किया, तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।
शराब माफिया राज
लोगों का कहना है कि यहां पूरी तरह शराब माफिया का ही राज चलता है। शराब की तस्करी से माफिया की यहां बड़ी-बड़ी कोठियां खड़ी की हुई हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इनके पास दो-चार साल पहले तक कुछ नहीं था, लेकिन आज सबके पास एक नहीं दो-तीन कोठयां खड़ी की हुई हैं। इन्हीं से शराब का काला कारोबार चलता है।