12 सितंबर को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में तैनात भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी का शव बरामद हुआ था. दो साथियों को बचाने के दौरान उनकी जान चली गई थी। बता दें, उनका शव 6 दिन बाद मिला था।
शांति मिशन में मिलिट्री स्टॉफ ऑफिसर के रूप में तैनात थे सोलंकी
आपको बता दें, दिल्ली निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी जो मध्य अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में मिलिट्री स्टॉफ ऑफिसर के रूप में तैनात थे, 8 सितंबर को गोमा के पास चेगेरा द्वीप के पास कीवु लेक में कयाकिंग करने गए थे। कुछ देर बाद साथ गए सभी लोग वापस अपने कैंप लौट आए, लेकिन गौरव सोलंकी वापस नहीं आए।भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी शनिवार दोपहर से लापता थे, और उनके लापता होने के बाद तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया था.
‘कीवू’ विश्व की 10 सबसे गहरी झीलों में से एक, अंदर ही कई छोटे-छोटे द्वीप
लेफ्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी के लिए सर्च अभियान जोरदार तरीके से चलने लगा। बाद में उनका शव कीवु झील के अंदर मिला, जो चेगेरा द्वीप से करीब एक किलोमीटर अंदर था। आपको बता दें, कॉंगो में रवांडा के साथ लगती सीमा पर एक झील है जिसका नाम है ‘कीवू’ है जो विश्व की 10 सबसे गहरी झीलों में से एक है. बताया जाता है कि इस झील की गहरायी लगभग 400 मीटर तक है और इस झील के तल से मीथेन गैस निकलती रहती है। यह झील बहुत बड़ी है और इसका क्षेत्रफल कई किलोमीटर तक फैला हुआ है और इसके अंदर ही कई छोटे-छोटे द्वीप भी हैं. जहां कयाकिंग व रोयिंग की जाती है।
अचानक पानी में पलटी क्याक, साथी को बचाने के लिए लगाई झील मेम झलांग
कीवू झील में कुछ अफसर कयाकिंग कर रहे थे। क्याक दो थी और दोनों पर दो-दो अफसर थे कि अचानक एक क्याक पानी में पलट गई जिससे उस पर सवार दोनों अफसर डूबने लगे। इन्हें डूबता देख गौरव सोलंकी ने बचाने के लिए झील में छलांग लगा दी। बताया जा रहा है कि अपने दोनों साथियों को बचाने के दौरान वह थकान के कारण खुद पर नियंत्रण नहीं रख सके और गहरे पानी में डूब गए।लेफ़्टिनेंट कर्नल गौरव सोलंकी ने दोनों अफसरों को बचा लिया लेकिन खुद की जान गंवा बैठे.
आईएमए में कमाया था नाम
गौरव सोलंकी एकेडमी क्रिकेट टीम के अलावा एकेडमी टेनिस टीम के भी हिस्सा रहे. आईएमए में भी उन्होंने क्रिकेट और टेनिस में अच्छा खासा नाम कमाया. गौरव सोलंकी के एक साथी ने बताया कि शहीद भगत सिंह उनके (गौरव सोलंकी) प्रेरणा स्रोत थे और वे जंग में शहादत पाने की इच्छा रखते थे.
सोलंकी का करियर
गौरव सोलंकी ने दिल्ली के धौला कुंआ स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की. वे अकेडमी के क्रिकेट टीम और टेनिस टीम में भी रहे. साल 2000 में गौरव सोलंकी ने एनडीए ज्वाइन किया. इसके बाद 2002 में वे स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन के रूप में पासआउट हुए. 2003 में वे इंफाल कंपनी आईएमए से सीनियर अंडर अफसर के तौर पर पासआउट हुए. साल 2003 में ही वे 6 जाट रेजिमेंट से जुड़े और 2004-5 में घातक प्लाटून में शामिल हुए.