देहरादून- एक तरफ जहां उत्तराखंड के जंगल आग के हवाले हो रखे हैं…जंगलों की आग घरों तक पहुंच चुकी है…लोग घरों में भी सुकून से नहीं हैं. तो वहीं दूसरी ओऱ वन मंत्री हरक सिंह रावत मानों कहीं खो से गए हो. उनको वन विभाग का महकमा सौंपा गया है ऐसे में उन्होंने आग के बुझाने और राहत कार्य के लिए कोई भी बयान जारी नहीं किया आदेश औऱ निर्देश देना तो दूर की बात है. वहीं इसके लिए एसडीआरएफ और स्थानीय लोग आगे आए जिंहोने लाज बचाई.
प्रदेश की जनता और प्रदेशस से नहीं पार्टी से है हरक को प्यार
पूरा प्रदेश जहां आग की लपटों से परेशान है हर ओर आग ही आग है ऐसे में तो वन मंत्री हरक सिंह रावत नजर नहीं आए लेकिन भाजपा कार्यालय में आय़ोजित कोर बैठक में वह खूब नजर आए. लगता है प्रदेश की जनता और देवभूमि से ज्यादा उन्हे अपनी पार्टी से मोह है. इसीलिए उन्होंने बैठक को जरुरी समझा बजाए प्रदेश के.
खबर उत्तराखंड की खबर का असर हो गया
यहां खबर उत्तराखंड की खबर का असर होता दिखा. साथ ही वन मंत्री हरक सिंह रावत भी दिखे. जी हां लापता वन मंत्री हरक सिंह रावत बुधवार को भाजपा कार्यालय में हुई कोर ग्रुप की बैठक में नजर आए. इस दौरान उनके साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.
दरअसल उत्तराखंड में भाजपा की सांगठनिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की दी गई कार्ययोजना पर बुधवार को मंथन किया गया। मंथन बैठक में राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों के अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी सहि सभी सांसद, विधायक और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक होगी। बैठकों को सिलसिला बुधवार देर शाम तक जारी रहेगा।
हरक सिंह रावत ने की जनता औऱ देवभूमि की अनदेखी
लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इसके बावजूद वन मंत्री ने प्रदेश के जंगलों में लगी आग पर एक शब्द बाहर आकर न कहा और न कोई बात छेड़ी. उनका ये व्यवहार दिखाता है कि वह प्रदेश और प्रदेश की जनता के लिए कितने गंभीर हैं. ऐसा लगाता है उन्हे कोई फिक्र ही नहीं है. जनता ने उनको इस देवभूमि के लिए चुना, लेकिन वन मंत्री हरक सिंह रावत जनता और देवभूमि दोनों की अनदेखी कर रहे हैं.