प्रदेश के कई पहाड़ी जनपदों में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चमोली के पगनों गांव में भूस्खलन का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। गांव के पीछे पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के चलते नौ परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है।
पहाड़ी से घरों में आ रहा मलबा
जोशीमठ तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पगनों गांव में 120 परिवार रहते हैं। गांव के ठीक पीछे पहाड़ी के शीर्ष भाग में एक प्राकृतिक झील थी। साल 2021 में भारी बारिश के दौरान झील क्षतिग्रस्त हो गई और पानी का रिसाव होने लगा।
जिससे मानसून के दौरान गांव में मलबा आना शुरू हो गया। जुलाई माह में पहाड़ी से भारी भूस्खलन शुरू हो गया। जिस वजह से कई परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है ।
रिश्तेदारों के घरों पर शरण लेने को मजबूर
जानकारी के मुताबिक पीड़ित परिवारों के मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। जिस वजह से कई परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के घर में शरण ले ली है। जबकि अन्य परिवार गांव के ही पास गोशाला और खेतों में टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं। बता दें गांव का मंदिर भी भूस्खलन से जमींदोज हो गया है।
प्रशासन द्वारा अन्य जगह शिफ्ट करने की तैयारी
शनिवार को एसडीएम ने घटनास्थल का जायजा लिया। एसडीएएम के निर्देश पर खतरे की जद में आए 35 अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक एसडीएम ने बताया कि गांव के कुछ परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं।
एसडीएएम के मुताबिक गांव के पंचायत भवन और मिनल केंद्र को रिजर्व में रखा गया है। खतरे की जद में आ रहे 35 अन्य परिवारों को भी सुरक्षित जगह पर भेजने की कार्रवाई चल रही है। जल्दी इनको भी शिफ्ट किया जाएगा।