सितारगंज- झगड़े के दौरान सेना के पूर्व लांसनायक ने अपने छोटे दिव्यांग भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। इससे गांव में दहशत फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को गांव कठंगरी से गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक भी कब्जे में ले ली है। देर रात आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं गुरुवार को दिव्यांग भाई को गोली मारने का आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया। पुलिन ने मृतक की पत्नी के बयान दर्ज किए।
12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से की फायरिंग
बुधवार सुबह करीब 8 बजे हल्दुआ गांव में पूर्व लांसनायक कल्याण दत्त शर्मा पुत्र जगदीश प्रसाद और उसके दिव्यांग भाई दिनेश शर्मा (43) के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। पुलिस के अनुसार दिनेश ने कल्याण के हाथ पर चाकू से वार कर घायल कर दिया। इससे आक्रोशित कल्याण दत्त बगल में ही अपने घर गया और 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक ले आया। उसने दिनेश के कमरे की खिड़की से उसकी बाईं कनपटी पर गोली मार दी। चारपाई पर लेटे दिनेश के सिर के परखचे उड़ गए और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
आसपास के लोगों की सूचना पर कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी युवक को 12 बोर की बंदूक के साथ धर दबोचा। साथ ही मृतक दिनेश का चाकू भी बरामद कर लिया। शव पोस्टमार्टम के लिए खटीमा भेजा गया है।
सूचना पर एसपी सिटी देवेंद्र पींचा ने भी घटनास्थल का मुआयना कर जानकारी ली और कोतवाल उपाध्याय को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इधर, सूचना पर बुधवार देर शाम मृतक की पत्नी किरन भी गाजियाबाद से बेटी हनी के साथ यहां पहुंची। देर रात किरन की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
झगड़े की वजह और उसके बाद दिव्यांग भाई की हत्या के पीछे का कारण आखिर क्या है, इसके लिए पुलिस आरोपी पूर्व लांसनायक कल्याण दत्त शर्मा से पूछताछ कर रही है। हालांकि प्रत्यक्षदर्शी इसे मकान या फिर दिनेश के क्रोधी व्यवहार को हत्या की वजह मान रहे हैं। दिव्यांग दिनेश शर्मा करीब 13 साल पहले गांव के ही एक व्यापारी की किच्छा स्थित राइस मिल में काम करता था। उस बीच वह सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। इसके बाद से उसके आधे शरीर को लकवा मार गया था और वह व्हील चेयर के सहारे ही चलता था।
दिनेश शर्मा 13 साल पहले हादसे के बाद मुफलिसी में घिर गया। इसके अलावा वह पत्नी किरन पर शक भी करता था और मारपीट भी। इससे तंग आकर करीब दस वर्ष पहले उसकी पत्नी किरन बेटी हनी (11) को लेकर गाजियाबाद चली गई थी। अब उसकी बेटी दिल्ली में ही पढ़ रही है। ऐसे में दिव्यांग दिनेश को कभी बड़े भाई के बच्चे खाना खिला देते थे तो कभी गांव के अन्य लोगों से मांगकर वह भरण पोषण कर रहा था।
मृतक दिनेश शर्मा पांच भाई-बहन थे। सबसे बड़ा भाई कल्याण दत्त वर्ष 2007 में आर्मी के लांसनायक पद से सेवानिवृत्त हुआ था। इसके बाद से कल्याण पिकअप चलाकर परिवार पालता है। कल्याण से छोटा राजेंद्र शर्मा भी आर्मी से सेवानिवृत्त होने के बाद वर्तमान में बीएसएफ देहरादून में तैनात है। दो बहनें हैं।