लालकुआं : बीते दिन हरेला पर्व बड़े धूमधाम से प्रदेश भर में मनाया गया. सीएम समेत मंत्री-विधायकों और स्कूली बच्चों ने कई पौधे रोपे औऱ राज्य को हराभरा रखने की शपथ ली. लेकिन वहीं इस बीच कुछ लोगों में हरेला पर्व पर सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित न करने को लेकर नाराजगी देखने को मिली. इसी नाराजगी के चलते लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.
राज्य आंदोलनकारियों ने महामहिम राज्यपाल को भेजा ज्ञापन
आपको बता दें कि श्रावण मास में पावन पर्व हरेला उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। कल से इस पर्व की शुरुआत हो गई है। मानव और प्रकृति के परस्पर प्रेम को दर्शाता यह पर्व हरियाली का प्रतीक है। सावन लगने से नौ दिन पहले बोई जाने वाली हरियाली को दसवें दिन काटा जाता है और इसी दिन इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन वहीं हरेला पर्व पर सरकारी स्कूलों में छुट्टी न होने पर क्षेत्रवासियों में आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान क्षेत्र के तमाम लोगों एवं राज्य आंदोलनकारियों ने महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजा.
छुट्टी घोषित न किए जाने को बताया जन भावनाओं का अपमान
आक्रोशित लोगों ने उत्तराखंड के सबसे पौराणिक व ऐतिहासिक पर्व पर सरकार द्वारा छुट्टी घोषित न किए जाने को जन भावनाओं का अपमान बताया. लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन में कहा शासन प्रशासन द्वारा कई ऐसी छुट्टी थोपी जाती हैं जिनका यहां के सांस्कृतिक परिवेश से कुछ लेना देना नहीं है.
इस दौरान ज्ञापन सौंपने वालों ने कहा कि पूर्व में हरेले पर्व पर सरकार द्वारा छुट्टी की घोषणा की जाती थी लेकिन इस बार स्कूलों में छुट्टी ना होने से बच्चे हरेला का त्यौहार नहीं मना पाए।