देहरादून : 16 फरवरी वो काला दिन है, जब उत्तराखंड के लाल मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे। घर में उनकी शादी की तैयारियां चल रही थी। शादी के कार्ड बांटे जा रहे थे। चित्रेश और उनकी पूरी टीम को 16 फरवरी की सुबह नौशेरा के बॉर्डर पर कई माइंस मिलीं, जो आतंकियों ने बिछाई थीं।
चित्रेश अपनी बम डिस्पोजल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। एक माइन डिफ्यूज कर दी। दूसरी माइन डिफ्यूज कर रहे थे। उसी दौरान माइन एक्टिवेट हो गई और विस्फोट हो गया। जिसमें 31 साल के चित्रेश घायल हो गए। उन्हें अस्पताल लो जाया गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। चित्रेश शहीद हो गए।
जिस वक्त ये हादसा हुआ। उस वक्त चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट बेटे की शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त थे। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में लगा था। मगर 16 फरवरी की शाम ये माहौल मातम में बदल गया। शादी 7 मार्च को होनी थी, जिसके लिए चित्रेश ने 28 फरवरी को छुट्टी आना था।