देहरादून- शायद ये कहावत तभी बनी होगी कि, बिच्छू का मंत्र आता नहीं सांप के बिल में हाथ दे दिया। जी हां दून अस्पताल मे तैनात नर्सों के तबादले पर सूबे की सरकार की भी शायद यही गत हुई। ताजा हाल ये हैं कि, दून अस्पताल में तैनात नर्सों की बल्ले-बल्ले हो गई है।
माना जा रहा है कि फिलहाल अब उन पर तबादले की गाज नहीं गिरेगी। दरअसल बीते दिनों दून अस्पताल में तैनात नर्सों के तबादलों के ऑर्डर ने नर्सों के चेहरे उदास कर दिए थे। सबको पहाड़ जाने का डर सताने लगा था मानों पहाड़ में इंसान नहीं किसी खतरनाक प्रजाति के जीव जंतु रहते हों।
खैर अस्पताल में तैनात सभी नर्सों के तबादलों पर शासन से रोक लग गई है। सभी नर्सों को चिकित्सा शिक्षा के तहत दून मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग दे दी गई है। गौरतलब है कि तबादले के आदेश मिलने के दौरान नर्सों ने ऑर्डर की मुखालफत तो की ही थी दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन ने भी ऐतराज जताया था।
बिना तैयारी के सरकार ने नर्सों के तबादले का प्लान बनाया नतीजन अमल होने से पहले ही एक मामूली पेंच पर उलझ कर रह गई। चूंकि दून अस्पताल मेडिल कॉलेज बनने के बाद चिकित्सा शिक्षा के अधीन आ गया है जबकि नर्सों के तबादले स्वास्थ्य महकमें ने किए थे। बस इस एक पेंच ने सरकार को जहां बैक फुट पर धकेल दिया वहीं पहाड़ जाने के नाम पर उदास नर्सों को फ्रंटफुट पर लाकर मुस्कराने का मौका दे दिया।