ऋषिकेश : योगनगरी की कोतवाली पुलिस ने एक बार फिर वर्दी की अलग पहचान दिलाने का काम किया। जो लोग हमेशा पुलिस को कोसते हैं उनके मुंह पर तमाचा मारा। कोरोना काल में जहां अपने ही अपनों से दूर हो गए हैं और अपनों को मरता छोड़ जा रहें हैं ऐसे में पुलिस मदद को आगे आ रही है। कोरोना काल में भूखों का पेट भरना, गरीबों की मदद करना और साथ ही बुजुर्गों की सहायता करना खाकी क परम धर्म बन गया है। कोरोना काल में ऋषिकेश कोतवाली के कोतवाल रितेश साह ने ऐसा ही काम किया है कि हर कोई उनको सलाम कर रहा है। बता दें कि उन्होंने आज एक बेटे का फर्ज निभाया।
अभियान “मिशन हौसला” के अंतर्गत अकेले निवासरत 91 वर्षीय करोना पीड़ित की मौत होने पर ऋषिकेश कोतवाली के कोतवाल रितेश साह ने खुद पी.पी.ई. किट पहनकर पुत्र धर्म निभाते हुए, निजी खर्च से सम्मान सहित अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि अकेले निवासरत बुजुर्ग और पीडि़तों व्यक्तियों की सहायता के लिए कोतवाली ऋषिकेश पुलिस द्वारा हेल्पलाइन नंबर 9897244109 जारी किया है। उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक देहात व क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश महोदय द्वारा भी समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। आज 22 मई को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश से एक पुलिस मेमो प्राप्त हुआ। जिसमें 91 वर्षीय बुजुर्ग मोहन सिंह रावत पुत्र श्री शेर सिंह रावत निवासी प्रेम विहार निकट अग्रवाल बेकरी श्यामपुर की कोरोना से मौत होने की जानकारी मिली।
इस सूचना पर अधिकारी द्वारा अस्पताल में जाकर जांच की गई तो पता चला कि मृतक बुजुर्ग ऋषिकेश में अकेले रहता है और इनकी तीन पुत्रियां हैं। जिनमें से वर्तमान समय पर एक बेटी आशा रावत निवासी देहरादून मौजूद है। जिनके द्वारा आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अंतिम संस्कार स्वयं कर पाने पर असमर्थता जताई गई।
उक्त सूचना उच्च अधिकारियों को देकर प्रभारी निरीक्षक कोतवाल रितेश शाह ने मृतक की बेटी से खुद उनके पिताजी का सम्मान सहित विधि पूर्वक अंतिम संस्कार करने की बात कहीं गई। जिसपर आज प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश महोदय द्वारा अपने हमराह चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट व चार कांस्टेबलों के साथ खुद पी.पी.ई. किट धारण कर राजकीय अस्पताल की मोर्चरी से उपरोक्त मृतक बुजुर्ग के शव को एंबुलेंस की सहायता से मुक्तिधाम ले जाया गया। जहां प्रभारी निरीक्षक के द्वारा खुद निजी खर्चे से अंतिम संस्कार में आवश्यक सामग्री की संपूर्ण व्यवस्था कर उपरोक्त मृतक को स्वयं मुखाग्नि देकर सम्मान सहित अंतिम संस्कार कर पुत्र धर्म निभाया गया।
मृतक के शव को राजकीय चिकित्सालय से मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की निशुल्क व्यवस्था एंबुलेंस संचालक लक्की द्वारा की गई। प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश द्वारा पुत्र धर्म निभाते हुए सम्मान सहित अंतिम संस्कार किए जाने पर बुजुर्ग की पुत्री, आस-पड़ोस व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने देहरादून पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान “मिशन हौसला” की सराहना की गई।