देहरादून- उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता व संस्कृति के साथ-साथ बड़े-बड़े विशालकाय सुंदर पहाड़ो के लिए जाना जाता है और साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार और पर्यटन के लिए भी पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है. उत्तराखंड के इस प्राकृतिक विरासत का उचित लाभ उठाने और प्राकृति-आधारित पर्यटन के विकास केलिए 27 नवंबर को इको-टूरिज्म कॉरेपोरेशन की स्थापना जा रही है. जिसका शुभारंभ सीएम त्रिवेंद्र रावत और केंद्रीय वन मंत्री करेंगे. जिससे पलायन पर भी काफी हद तक रोक लगेगी. इसी के चलते वन मंत्री हरक सिंह रावत ने विधानसभा में प्रेसवार्ता का आयोजन किया.
राज्य की जनता को जानकारी देते हुए कोटद्वार मार्ग,जिम कार्बेट पार्क के ओपनिंग विषय और कोटद्वार-कंडी मार्ग के शिलान्यास के बारे में अवगत कराया और जनता को जिम कॉर्बेट के दूसरे प्रवेश द्वार कोटद्वार के बारे में बताते हुए कहा कि 27 नवम्बर से कोटद्वार इको-टूरिज़्म सर्किट की शुरुवात होगी..
साथ ही वन मंत्री हरक सिंह रॉवत ने ये भी बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत सफारी वाहनों का संचालन भी किया जायेगा, जिससे पर्यटकों को जिम कॉर्बेट में धूमने में सहूलियत होगी.
आपको बता दें उत्तराखण्ड इको टूरिज्म विकास निगम के अंतर्गत चलाई जाएगी जिससे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के गुणात्मक पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा और साथ ही देवभूमि को पूरे विश्व में विख्यात किया जाएगा.
ईको टूरिज्म विकास निगम की यह फ्लैगशिप योजना, उत्तराखंड के वन-विश्राम भवनों के विकास के माध्यम से प्रकृति-आधारित पर्यटन को लोकप्रिय बनाने की दिशा में पूरे भारत में एक आर्दश पहल होगी.
प्रथम चरण में 5 सर्किट के विकास की योजना
देहरादून-ऋषिकेश सर्किट
1.थानों 2. चौरासीकुटी 3. संजय झील 4. रानीतौरी 5.धनौल्टी 6. देवलसारी
कोटद्वार सर्किट
रसियाबड़ 2.चिड़ियापुर 3. लालढ़ांग 4. कण्वाश्रम 5. सेंधीखाल6. सनेह 7.ताड़केश्वर 8. कोल्हूचौड़
रामनगर-नैनीताल सर्किट
1.सीताबनी 2. चूनाखान 3. पवलगढ़ 4. किलबरी 5. विना.क 6. सौनी 7. कौसानी
यमुना-टोन्स वैली सर्किट
- झाझरा 2. तिमली 3. आसन बैराज 4. चकराता 5.कनासर 6.बुधेर 7.सांद्रा 8. जरमोला 9. कैम्टी फॉल़
नन्धौर-चम्पावत सर्किट
1.चोरगलिया 2.बूम 3. चम्पावत 4. धूनाघाट 5. भिंगराड़ा 6.पहाड़पानी 7महेशखान