कोटद्वार : कोटद्वार के कर्मभूमि टीवी के संपादक राजीव गौड़ ने जब फेसबुक लाइव कर खनन माफियाओं और पुलिस की सच्चाई बयां की थी तो खनन माफियों ने उन पर फायर झोंक दिया था औऱ गंभीर रुप से घायल कर दिया था। वहीं जब पत्रकार इंसाफ मांगने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पुलिस के पास गए तो उल्टा उन पर ही मुकदमा दर्ज किया गया जो की खाकी पर ही सवाल खड़े करने लगा।
वहीं अब पत्रकार राजीव गौड़ी की पत्नी सिम्मी गौड़ ने डीजी अशोक कुमार को पत्र लिख कर सच्चाई बयां की और पुलिस सिपाही पर खनन माफियाओं के साथ मिले होेने का आरोप लगाया। पत्रकार की पत्नी ने बताया कि उनका पति राजीव गौड़ और सोशल एक्टिविस्ट मुजीब नैथानी विगत कई दिनों से कोटद्वार में अवैध खनन की कवरेज बाकायदा फेसबुक लाइव के माध्यम से दिखा रहे थे। इससे तिलमिलाए खनन माफिया ने उन पर हमला कर दिया और लहूलुहान किया। पहले उन पर फायर झोंका गया और पिटाईकी। जिससे वो गंभीर रुप से घायल हो गए।
मामले की एसआईटी जांच की मांग
वहीं जब खनन माफिया की गुंडागर्दी की शिकायत पुलिस से की गई तो उल्टा राजीव गौर पर ही मुकदमा दर्ज किया गया। पत्रकार की पत्नी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं और इंसाफ की गुहार डीजी अशोक कुमार से लगाई है।पत्रकार राजीव गौड़ की पत्नी ने डीजी से इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की है।
आपको बता दें कि राजीव गौड़ आज कर्मभूमि टीवी और फेसबुक लाइव के माध्यम से नदियों के अवैध खनन को दिखाते रहे हेैं। जिसमें उन्होंने प्रमुखता से यह बताया था कि किस तरह से सरकार ने पहले नदियों में चुगान की परमिशन को डेढ़ मीटर से 3 मीटर किया और खनन माफिया किस तरीके से 3 मीटर के बजाय 20 मीटर गहरे में जेसीबी से खनन कर रहा है। वहीं पहले भी किए फेसबुक लाइक के चलते प्रशासन और पुलिस ने हरकत में आकर 27 मई को आठ खनन के डंपर भी चीज किए थे लेकिन इस बार उन पर जानलेवा हमला किया गया।
क्या सच में पुलिस ने खनन माफियाओं से हाथ मिलाया?
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब पत्रकार के पास हमला वरों के हमले के दौरान की फुटेज भी है तो पुलिस कार्रवाई करने से क्यों डर रही है?क्या सच में पुलिस ने खनन माफियाओं से हाथ मिलाया है और सारा धंधा पुलिस की निगरानी में हो रहा है। इसकी निष्पक्ष जान तो बनती है।