अगली सरकार लेगी नए जिलों का फैसला
नए जिलों के गठन के लिए 1000 करोड़ का कार्पस फंड गठन करने का ऐलान
देहरादून- सीएम रावत के दिए बयान के बाद इतना तो तय हो गया है कि नए जिलों की हसरत ये सरकार भी पूरी नहीं कर पाएगी। दरअसल राज्य में नए जिलों की मांग एक लंबे अर्से से हो रही थी। भाजपा के दौर में राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ने चार नए जिलों के गठन की घोषणा भी की थी लेकिन परिस्थितियां बदल गई न निशंक सीएम रहे न नए जिले बने। हालांकि जिन जिलों को बनाने का ऐलान उन्होंने किया था उसके बाद कई और जिलों की मांग ने जोर पकड़ा था। हकीकत में देखा जाए तो कई इलाकों का भूगोल ऐसा है कि एक बड़े क्षेत्र को जिला मुख्यालय में फरियाद लगाने के लिए पहुंचने में ही पूरा दिन सफर में गुजर जाता है। ऐसे में माना जा रहा था कि इस कैबिनेट में सरकार कई नए जिलों पर मुहर लगा सकती है। लेकिन मुख्यमंत्री के कैबिनेट बैठक से पहले दिए बयान ने कि,’नए जिलों का गठन न कर पाने का उन्हें मलाल है’ ने तय कर दिया कि मौजूदा रावत सरकार राज्य के मौजूदा नक्शे में कोई फेरबदल नहीं करने जा रही है। हालाकिं नए जिलों के गठन का मसला अगली सरकार पर छोड़ते हुए सीएम रावत ने कहा कि, नए जिलों के लिए एक हजार करोड़ का कार्पस फंड बनाया जाएगा।