ब्यूरो- आसमान पर सूर्य अस्ताचल की गमन करेगा और सूबे के सियासी फलक पर उत्तराखंड के मुखिया का उदय होने का अंदाजा है। माना जा रहा है कि आज शाम तक भाजपा विधायक मंडल दल अपने नेता का चुनाव कर देगी।
हालांकि इतना तय है कि विधायक मंडल दल की सहमति उसमें सिर्फ खानापूर्ति ही साबित होगी। बाकि नेता तो पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पसंद से ही चुना जाना है इतना तो तय है।
बहरहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री गढ़वाल से ही बनेगा। पैराशूट सीएम की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया जा रहा है। ऐसे मे जो नाम सूबे के सियासी गलियारे से लेकर चौक-चौबारों तक चर्चा बने हुए हैं उनमें प्रमुख है सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी।
हालांकि माना जा रहा है कि इनमें सबसे भारी त्रिवेंद्र रावत का पलड़ा है। उसकी वजह है नागपुर से लेकर दिल्ली तक मजबूत पकड़ और 2007 में भाजपा सरकार में मंत्री पद का अनुभव और संगठन में पक्की पकड़ । हालांकि सतपाल महाराज भी अपने प्रशासनिक अनुभव, संत समाज की पसंद और व्यक्तिगत रूप से मोदी और शाह के करीबी होने के नाते सीएम पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
वहीं अगर पैराशूट सीएम की बात की जाए तो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी का नाम भी सीएम पद की दौड़ मे माना जा रहा है। हालांकि अनिल बलूनी के पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं है मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी के करीबी होने का फायदा उन्हे मिल सकता है।
बहरहाल सूबे के 16 साल के इतिहास में 9 वीं बार सीएम पद की शपथ ली जाएगी और भाजपा की ओर से सूबे के सीएम पद की शपथ कौन लेगा इसकी तस्वीर खुलासा आज शाम तक होने की उम्मीद है। हालांकि होगा क्या ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल कयासों का दौर जारी है।