देहरादून – बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। शायद यही सोचकर सूबे के उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत ने बीते दिनों उत्तराखंड में रहने की शर्त वंदेमातरम बताई हो। लेकिन उनकी इस बात पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय तिलमिला गए हैं गोया उन्होने जहर खाने को कह दिया हो। किशोर ने तैश में आकर भाजपा को चैलेंज दे दिया कि वो मंत्री की बात नहीं मानेंगे और हिम्मत है तो उन्हें सूबे से बाहर कर के दिखाओ।
वंदेमातरम् को लेकर आज किशोर उपाध्याय अलग-थलग पड़ गए हैं। हाल ये हैं कि जहां विरोधी भाजपाई खेमा उनको लानत भेज रहा है वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत को किशोर के बयान पर सफाई देनी पड़ रही है कि वे और उनके छोटे भाई किशोर वंदेमातरम् का न केवल सम्मान करते हैं बल्कि गाते भी।
उधर भाजपा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को लेकर भाजपा के तेवर तल्ख हैं। सीएम ने जहां किशोर के बयान को गैरसंजीदा करार दिया और इसे किशोर की सुर्खियां बटोरने वाली हरकत बताया।
जबकि भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डा.देवेंद्र भसीन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने एक कदम और आगे बढ़ेते हुए मानसिक बीमार तक बता दिया।
भट्ट ने कहा कि बयान देशद्रोहियों जैसा है लेकिन ये कांग्रेस की कार्य संस्कृति का एक हिस्सा है। जब राहुल देश विरोधी नारे लगाने वालों की हिमायत कर सकते हैं तो उनके प्रदेश अध्यक्ष भी वंदेमातरम् के खिलाफ कह सकते हैं।
बहरहाल वंदेमातरम् सूबे में सियासत के लिए हॉट टॉपिक बन गया है। सियासी गलियारे में गूंज रहे वंदेमातरम की गूंज इतनी तेज है कि यूपी की सरकार से उत्तराखंड सरकार की तुलना करने वाली जनता फिलहाल शराब के हो रहे विरोध, पानी, बिजली, सड़क और अस्पताल जैसी समस्याओं को भूल गयी है। याद है सिर्फ कांग्रेस, भाजपा और वंदेमातरम्।