दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का आज बुधवार को गुजरात में अनावरण हुआ. यह समारोह सरदार पटेल की 31 अक्टूबर को जयंती के मौके पर आयोजित है. पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. जी हां अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी दोगुनी ऊंची है ये सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति..
आपको बता दें चीन स्थित स्प्रिंग टेंपल की 153 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा के नाम अब तक सबसे ऊंची मूर्ति होने का रिकॉर्ड था. मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ने अब चीन में स्थापित इस मूर्ति को दूसरे स्थान पर छोड़ दिया है. 182 मीटर ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का आकार न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुना है.
प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया
सरदार पटेल की इस प्रतिमा का निर्माण नोएडा के शिल्पकार पद्मभूषण राम वी सुतार ने किया है. सुतार ने अपने 40 साल के करियर में 50 से अधिक प्रतिमाओं को आकार दिया है. बताया जाता है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिमा में पटेल का चेहरा वैसा ही दिखे जैसे वे असल में दिखते थे सुतार ने उनकी 2000 से अधिक तस्वीरों का अध्ययन किया. सुतार ने उन इतिहासकारों से भी संपर्क किया जिन्होंने पटेल को देखा था.
मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने किया दावा
मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है. जबकि स्प्रिंग टेंपल के बुद्ध की मूर्ति के निर्माण में चीन को 11 साल का वक्त लगा. कंपनी के मुताबिक यह प्रतिमा न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है.
ये है मूर्ति की खासिययत
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.
सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था
सरदार पटेल की यह मूर्ति राम वी. सुतार की निगरानी में हुई है. राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं. वह इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च
सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया. कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है. यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कंपनी ने कहा कि रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया.
सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में 1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये. वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे. 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये.