इन दिनों सोशल मीडिया पर जोमेटो का मु्द्दा गर्माया हुआ है जो की ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा. टीवी चैनल इस पर डिबेट करने लगे हैं औऱ सुर्खियां बटौर रहे हैं. जोमेटों के मालिक के एक बयान की जमकर तारिफ हो रहा है तो दूसरी तरफ कई लोग उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं वहीं इधर अमित शुक्ला के बयान पर अमित जमकर ट्रोल हुए तो वहीं कई यूजरों ने उनका सपोर्ट भी किया.
खाने का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि खाना खुद धर्म है
आपको बता दें कि डिलिवरी बॉय का धर्म जानकर खाना ऑर्डर कैंसिल करने पर जोमेटो के मालिक ने ट्वीट कर कहा था कि ‘Food doesn’t have a religion. It is a religion'(खाने का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि खाना खुद धर्म है) जिससे जोमेटो के मालिक जिसने ट्वीट किया औऱ जोमेटो कंपनी पूरे देश में सुर्खियों में आ गया है.
कौन है जोमेटो कंपनी के मालिक
आजतक की खबर के अनुसार जोमैटो कंपनी के मालिक का नाम दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा है. इस कंपनी की शुरुआत साल 2008 में की गई थी. वर्तमान में 5,000 से ज्यादा कर्मचारी इस कंपनी में कार्यरत हैं. दीपिंदर गोयल ने साल 2005 में IIT दिल्ली से ग्रेजुएशन की थी वहीं पंकज ने साल 2007 में IIT दिल्ली से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री ली.
सहकर्मियों को कैफेटेरिया में मेन्यू कार्ड देखने के लिए लंबी लाइन में इंतजार करते हुए देखा
आजतक की खबर के अनुसार डिग्री पूरी होते ही दीपिंदर को‘बेन एंड कंपनी’ में बतौर कंसल्टेंट जॉब मिली. लंच के दौरान वे अपने सहकर्मियों को कैफेटेरिया में मेन्यू कार्ड देखने के लिए लंबी लाइन में इंतजार करते हुए देखते. अक्सर महसूस होता कि इससे लोगों का समय बर्बाद हो रहा है. दीपिंदर को अपने दोस्तों का समय बचाने के लिए मैन्यू कार्ड स्कैन करके साइट पर अपलोड करने का विचार सूझा. देखते ही देखते साइट पॉपुलर हो गई. हिट पर हिट मिलने लगे. यहीं से दीपिंदर को फूड पोर्टल का आइडिया मिला.
दीपिंदर ने कुछ समय पहले “foodlet.com” शुरू किया
दीपिंदर और पंकज के लिए ये सफर आसान नहीं था. दीपिंदर ने कुछ समय पहले “foodlet.com” शुरू किया. इस बिजनेस को रेस्तरां के साथ टाई-अप करना था और Foodlet.com के माध्यम से अपने प्रचार करना था. ग्राहक फूडलेट के जरिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते थे. दोनों ने मिलकर 9 महीने तक इस बिजनेस पर काम किया और इसे चालू करने के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन संसाधनों की कमी के चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उस दौरान दीपिंदर ने असफलताओं के लिए विशेष रूप से दो कारण बताए. सबसे पहले, ग्राहक भोजन ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए तैयार नहीं थे. दूसरा- बिजनेस के संचालन के लिए बहुत समय की आवश्यकता थी.
दीपिंदर ने अपने एक दोस्त प्रसून जैन के साथ Foodiebay की शुरुआत करने का आइडिया शेयर किया लेकिन प्रसून जैन निजी कारणों के कारण मुबंई चले गए. उस समय मानव संसाधनों की काफी कमी थी. लेकिन दीपिंदर ने संघर्ष जारी रखा. तभी पंकज ने उन्हें अपने ड्रीम वेंचर में शामिल कर लिया था. इसके बाद दीपिंदर ने के करियर में मोड़ आया. वह पंकज को Foodiebay की लाइफ लाइन भी कहते हैं. जिसके बाद दीपिंदर और पंकज ने पूरा समय कंपनी को दिया. आपको बता दें बाद में Foodiebay का नाम बदलकर जोमेटो कर दिया गया था. जिसके बाद Google के Android ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए एक जोमेटो एप्लिकेशन उपलब्ध हो गया था.