बिहार में आज मतदान हुआ और वोटों की गिनती जारी है जिसने नितीश सरकार बनती दिख रही है। वहीं इससे पहले या पहले कई बार आपने चुनाव के दौरान या चुनाव के मैदान औऱ मंच पर पीएम मोदी समेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औऱ तमाम नेताओं को बार-बार एक शब्द का इस्तेमाल करते देखा होगा वो है ‘जंगलराज’। पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन की जीत होने पर बिहार में जंगलराज लौटने की बात कहते रहे। ऐसे में एक सवाल बार-बार उठता है कि आखिर यह शब्द आया कहां से और बिहार में इस शब्द का इस्तेमाल आखिर क्यों किया गया?
किसने किया पहली बार जंगलराज शब्द का इस्तेमाल?
बिहार समेत कई राज्यों में चुनाव के मैदान में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल अक्सर किया जाता है। चुनाव का मैदान हो या मंच, जंगलराज शब्द अधिकतर इस्तेमाल किया जाता है। लोग जानते हैं कि बिहार के लिए जंगलराज शब्द पर्याय क्यों बना, लेकिन किसी न किसी के मन में ये सवाल जरुर उठ रहा होगा कि आखिर ये शब्द आया कहा से।
इन्होंने किया था जंगलराज शब्द का पहली बार इस्तेमाल
बता दें कि पटना उच्च न्यायालय 5 अगस्त 1997 को एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उस वक्त न्यायमूर्ति जस्टिस वीपी आनंद और जस्टिस धर्मपाल सिन्हा की बेंच के सामने सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा सहाय की याचिका पेश हुई थी, जिसमें उन्होंने बिहार के हालात का जिक्र किया था। उस वक्त पटना उच्च न्यायालय ने कहा था कि बिहार में सरकार नहीं है। यहां भ्रष्ट अफसर राज्य चला रहे हैं और बिहार में जंगलराज कायम हो गया है। बिहार के लिए पहली बार जंगलराज शब्द का इस्तेमाल पटना उच्च न्यायालय ने किया था, जिसके बाद यह शब्द आम हो गया और लालू-राबड़ी राज के लिए राजनीतिक चलन में आ गया।
इस वजह से बिहार में आया जंगलराज
बिहार के पुराने लोगों के जेहन में जंगलराज की यादें आज तक ताजा हैं। दरअसल, साल 1990 से 2005 तक यानी कुल 15 साल बिहार में लालू परिवार का राज रहा था। उस दौरान राज्य में अपराध का बोलबाला था। बिहार में अपहरण जैसे अपराध को उद्योग का दर्जा मिल गया था। कहा जाता है कि अपहरण के बाद फिरौती मांगना बिहार में चलन हो गया था। कई बार तो फिरौती मिलने के बाद भी बेकसूर लोगों को जान से मार दिया जाता था। हत्याएं रोजाना होती थीं और राज्य की सड़कों पर खून पानी की तरह बहता था। चोरी-डकैती तो बिहार में बेहद आम बात हो चुकी थी।
‘साहिब-बीवी और गैंगस्टर’ काल
बिहार में 15 साल तक लालू परिवार के शासनकाल को ‘साहब-बीवी और गैंगस्टर’ का काल भी कहा जाता है। दरअसल, बिहार में दिग्गज नेता कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद लालू प्रसाद यादव का उदय शुरू हुआ था। इसके साथ-साथ बिहार में अपराध का ग्राफ भी काफी तेजी से बढ़ गया। आरोप है कि उस दौरान राज्य में खूंखार गतिविधियां बेहद बढ़ गईं और ये सब लालू के सालों साधु यादव व सुभाष यादव के इशारों पर होता था। इस बीच राज्य में भ्रष्टाचार भी काफी ज्यादा बढ़ गया। चारा घोटाले में लालू को गद्दी छोड़नी पड़ी तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया। सीएम बनने के बाद राबड़ी का दिया गया एक बयान आज तक चर्चा में रहता है। दरअसल, उस दौरान राबड़ी देवी ने कहा था, ‘साहिब ने चाहा तो हम मुख्यमंत्री हैं। जैसे अभी तक घर चलाते थे वैसे ही अब प्रदेश चलाएंगे।’