देहरादून- उत्तराखंड में बेशक शराब का कारोबार में हाथ डालना रसूखमंदी की पहचान बन गया हो। बेशक सूबे के राजस्व के लिए शराब एक बड़ा जरिया हो। बेशक तीन जिलों में शराब की बंदिश अदालती आदेश से राज्य सरकार के माथे से पसीना चू गया हो और उसने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली हो। बेशक शराब के धंधे पर आंच न आए इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य मार्गों को जिलामार्ग घोषित कर दिया हो।
बावजूद इसके सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शराब के धंधे में दिलचस्पी नहीं दिखाते। शराब के नाम पर निजी तौर से नाक-भौं सिकोड़ने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत का साफ कहना है कि उन्हें ऐसे कारोबार में कोई ऐतबार नहीं। लिहाजा रावत ने कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष में राज्य में शराब की दुकाने महज 6 घंटे खुलेंगी। गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में शराब की दुकाने 14 घंटे खुलती हैं। तय है कि अगर सीएम रावत की चली तो राज्य में शराब की दुकाने नियत वक्त पर ही खुलेंगी।