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उत्तराखंड में सीएम धामी करप्शन के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपनाए हुए हैं। इसी के चलते विजिलेंस को काम के लिए फ्री हैंड दिया गया है। सीएम ने हाल ही में एक कार्यक्रम में साफ कर दिया था कि विजिलेंस के काम में कोई रुकावट नहीं आएगी। वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी किशनचंद के खिलाफ कार्रवाई इसी का ताजा नमूना है। किशनचंद वन विभाग में कार्यरत थे और फिलहाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं। जिम कार्बेट उप वन संरक्षक रहते हुए किशनचंद पर खूब मनमानी करने का आरोप है। इसके साथ ही किशनचंद ने अकूत संपत्ति भी इकट्ठा की है। विजिलेंस ने किशनचंद का पूरा कच्चा चिट्ठा निकाल लिया है।
आय से 375 गुना अधिक संपत्ति
विजिलेंस टीम ने आईएफएस किशनचंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की है।
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उत्तराखंड। वन विभाग के इस रिटायर्ड कर्मचारी पर मुकदमा, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई
किशनचंद ने भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रेशर लगाया है। इसके साथ ही पिरानकलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनवाया है। यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट भी बनाया गया है। उन्होंने अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए कर्ज को अभी तक नहीं लौटाया है। इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई है।
विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि उन्होंने हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडौन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने के बदले में उनकी जमीनें अपने नाम करा ली। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान खरीदा है। मकान के लिए 60 लाख रुपये स्कूल के ट्रस्ट से कर्ज लिया। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए। इस पैसे को एक दिन पहले अलग अलग लोगों से जमा करवाया।