वॉशिंगटन- डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में मुलाकात होनी है। इसको लेकर अमेरिकी और उत्तर कोरियाई अफसर तैयारियों में जुटे हैं। इन सबके बीच अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहा उत्तर कोरिया आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। सिंगापुर के जिस रिजॉर्ट में मीटिंग होने वाली है, उसके प्रेसिडेंशियल सुइट का एक रात किराया 6 हजार डॉलर (करीब 4 लाख रुपए) है। उत्तर कोरिया की हालत ऐसी नहीं है कि वह किम और प्रतिनिधिमंडल का खर्च उठा सके। लिहाजा अमेरिका किसी ऐसे देश को मनाने में जुटा है जो किम का खर्च उठा सके।
सिंगापुर नदी के पास होगी बैठक
वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, ट्रम्प और किम के बीच होटल फुलर्टन में मुलाकात होनी है। होटल सिंगापुर नदी के पास है। यहां प्रेसिडेंशियल सुइट का एक रात का किराया 4 लाख रुपए है। पैसे की तंगी का मुद्दा हाल ही में व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जो हेगिन और किम जोंग उन के अफसर किम चांग सोन के बीच बातचीत में भी उठा।
अमेरिकी अफसरों का कहना है, “अगर उत्तर कोरिया को 5 स्टार होटल का बिल चुकाने में दिक्कत होगी तो उस स्थिति में हम भरपाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हो सकता है कि उत्तर कोरिया इसे अपना अपमान समझे।
अन्य देश को प्रायोजक के रूप में ढूंढ रहा यूएस
अमेरिकी योजनाकार किसी ऐसे देश को ढूंढ रहे हैं जो सिंगापुर में उत्तर कोरिया प्रतिनिधिमंडल का बिल चुका दें। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नुअर्ट ने कहा कि इस बात की संभावना है कि सिंगापुर सरकार ही उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल का होटल का बिल चुका दे। लेकिन इतना तो तय है कि अमेरिका ये बिल नहीं चुकाने जा रहा।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा है उत्तर कोरिया
हाल ही में साउथ कोरिया के पयोंगचांग में शीतकालीन ओलिंपिक हुए थे। इसमें दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई डेलिगेशन का 2.6 मिलियन डॉलर (करीब 17 करोड़ रुपए) का बिल चुकाया था।इसी इवेंट में भाग लेने के लिए उत्तर कोरिया के 22 सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने पैसे दिए थे।2014 में अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जेम्स आर क्लेपर दो कैदियों को छुड़ाने उत्तर कोरिया गए थे। उन्हें वहां कोरियाई पकवान परोसे गए। क्लेपर ने अपने मेजबान से आग्रह किया इसके लिए वे पैसे देंगे। उत्तर कोरिया को सोवियत युग के पुराने विमानों को चीन में इसलिए लैंड कराना पड़ता है क्योंकि हवाईपट्टी बनाने में सक्षम नहीं है।
कभी हां-कभी ना के बीच रही है ट्रम्प और किम की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सबसे पहले ट्वीट कर तानाशाह से सिंगापुर में मिलने की बात कही थी। इसी संदेश में उन्होंने मीटिंग की तारीख का भी जिक्र किया था। वहीं उत्तर कोरिया ने अमेरिका को समिट से पीछे हटने की धमकी दी। सरकारी मीडिया में चले कुछ अधिकारियों के बयान में ये भी कहा गया था कि अमेरिका एकतरफा तौर पर उत्तर कोरिया पर कार्रवाई कर रहा है और इसलिए तानाशाह का हाल लीबिया के गद्दाफी जैसा हो सकता है. ट्रम्प ने पत्रा जारी कर समिट को रद्द कर दिया। उन्होंने इसके पीछे उत्तर कोरिया के भड़काऊ रवैये को वजह बताया था।