रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के पावन पर्व पर राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आदि कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रही। बाबा केदार के कपाट सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से बंद कर दिए गए। मंदिर को पांच कुंतल फूलों से सजाया गया। कपाट बंद होने के साथ ही भोले बाबा की चल विग्रह डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई। शीतकाल में आगामी छह माह तक बाबा भोले की पूजा ऊखीमठ में ही होगी। कपाट बंदी के दौरान सेना के बैंड की धुन और श्रद्धालुओं के जयकारे से केदारपूरी गुंजायमान हो उठी। डोली को मंदिर की परिक्रमा कराई गई। रावत ने भी डोली को कंधा दिया। बाबा की उत्सव डोली आज शाम रामपुर पहुंचेगी। कल गुप्तकाशी मंदिर में विश्राम करेगी। इसके बाद तीन नवंबर को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ विराजमान होजाएंगे। आगामी छह माह तक भक्तों को बाबा भोले यहीं दर्शन देंगे।