उधमसिंहनगर-भाजपा ने अपना चाल और चरित्र बदला है इसलिए चेहरे बदल रहे हैं। ये लब्ज उस आम कार्यकर्ता के हैं जो भाजपा को अब तक पार्टी विद डिफरेंस मानता था और उसके लिए बैनर लगाने से लेकर झंडे और भीड जुटाने का काम करता था। मगर जब से भाजपा ने अपनी 64 उम्मीदवारों की सूची जारी कर तकरीबन सभी कांग्रेसी बागियों को टिकट दिए हैं तब से भाजपा में बगावत का बिगुल पूरे शबाब पर है। चाहे प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की रानीखेत हो या बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूडी को मिला यमकेश्वर क्षेत्र हो या फिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा को थमाया गया धनोल्टी हो या फिर कुमाऊं के तराई इलाके की जसपुर और काशीपुर जैसे विधानसभा क्षेत्र हर जगह भाजपा के कार्यकर्ता बगावत की आग को और हवा दे रहे हैं। जसपुर में भाजपा नेत्री सीमा चौहान भाजपा से इसलिए बगावत कर बैठी की भाजपा ने काँग्रेस के बागी विधायक शैलेन्द्र मोहन सिंघल को पार्टी में आते ही टिकट थमा दिया है। जबकि काशीपुर में भाजपा कार्यकर्ता लगातार तीन बार एक ही चेहरे पर दांव खेलने से नाराज हैं। जसपुर में जहां सीमा चौहान शैलेंद्र मोहन सिंघल की राह में रोड़ा बनने की ठान चुकी हैं वहीं हरभजन सिंह चीमा की राह मे राजीव अग्रवाल ने भी रोड़ा अटकाने का ऐलान कर दिया है। मतलब साफ है कि दोनो सीटों पर तीन-तीन बार के विधायकों के लिए इस बार राह शायद ही आसान हो।