बेंगलुरू: कर्नाटक का नाटक भाजपा की सरकार के साथ फिलहाल समाप्त हो गया है। कनार्टक में भाजपा के अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा राज्य के नये मुख्यमंत्री होंगे। राज्यपाल वाजूभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वे राज्य के चैथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ लेने से पूर्व येद्दयुरप्पा भाजपा कार्यालय गए। इसके बाद उन्होंने कडू मल्लेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की।
येद्दयुरप्पा को 31 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा। हालांकि, भाजपा के सामने असली परीक्षा विश्वास मत परीक्षा पास करने की होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने अभी भी 14 अन्य बागी विधायकों की किस्मत का फैसला नहीं किया है। ऐसे में सदन में विधायकों की संख्या 222 है। बहुमत के लिए भाजपा को 112 विधायकों के आंकड़े को छूना होगा। फिलहाल, मौजूदा वक्त में भाजपा के पास 106 विधायक हैं। बड़ा सवाल यही है कि भाजपा नई परिस्थितियों में छह और विधायकों का समर्थन कैसे लाएगी। कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जर्किहोली व महेश कुमाताहल्ली और एक निर्दलीय विधायक आर. शंकर को तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दे दिया। तीनों विधायक विधानसभा के शेष कार्यकाल यानी 2023 तक सदन की सदस्यता के अयोग्य रहेंगे। स्पीकर ने कहा कि वह शेष 14 मामलों में भी दो दिनों में फैसला ले लेंगे।
इस बीच, राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वर्तमान राजनीतिक हालात में कोई भी स्थिर सरकार नहीं दे सकता। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया है कि कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को अस्थिर करने के लिए उन्होंने ही बागी विधायकों को इस्तीफा देने के लिए उकसाया था।