कानपुर : कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों को मारने वाले गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन में गिरफ्तार किया गया है। इस पर कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई है या फिर उसने सरेंडर किया है। सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि यह जानकारी भी सामने आ रही है कि कल रात साढ़े दस बजे के आसपास उज्जैन के डीएम आशीष सिंह और एसएसपी मनोज कुमार अचानक महाकाल मंदिर पहुंचे थे। सवाल उठ रहा है कि क्या इसका विकास की गिरफ्तारी से कोई संबंध है ?
विकास दुबे के अनुसार उज्जैन पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें एक स्थानीय नागरिक है। सूत्रों ने बताया कि विकास दुबे ने दो वकीलों से मुलाकात की थी और इन्हीं ने विकास दुबे को उज्जैन पहुंचाने में मदद की थी। इन्हीं दोनों वकीलों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उज्जैन के डीएम आशीष सिंह ने दावा किया कि विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है। मंदिर के दुकानदार ने विकास की पहचान की और इसके बाद गार्ड ने भी उसकी शिनाख्त की, फिर उसे पकड़ लिया। बाद में स्थानीय पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, विकास दुबे सुबह महाकाल मंदिर पहुंचा. उसने पर्ची कटाई और दर्शन किया। फिर उसने गार्ड से कहा कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। गार्ड ने पुलिस को सूचना दी। तब तक विकास दुबे वहीं मौजूद रहा। पुलिस आई और विकास दुबे को गिरफ्तार करके ले गई। सवाल उठ रहा है कि जिस विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस की 50 से अधिक टीमें पिछले 6 दिन से तलाश कर रही थी, उसे महाकाल मंदिर के गार्ड ने कैसे पकड़ लिया। जानकारों के मुताबिक, विकास दुबे ने प्लान बनाकर सरेंडर किया, ताकि उत्तर प्रदेश उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई न कर पाए।