लखनऊ: कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने 8 पुलिस जवानों को घेरकर शहीद कर दिया था। उसके बाद से ही विकास दुबे फरार है। घटना के पांच दिन बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ खाली हैं। आज यूपी पुलिस ने अचानक एलान किया कि पत्रकारों से वार्ता करेंगे। लोगों को उम्मीद थी कि पुलिस के हाथ विकास दुबे से जुड़ी कुछ बड़ी जानकारियां हाथ लगी होंगी, लेकिन पत्रकार वार्ता के दौरान एडीजी प्रशांत कुमार विकास दुबे से जुड़े सवालों के जवाब देना तो दूर, उनसे बचते नजर आए।
जल्द पकड़ में आएगा
हांलांकि उन्होंने कहा कि जल्द ही विकास दुबे पकड़ में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में ऐसी कार्रवाई करेगी जो पूरे देश के लिए नजीर बनेगा। पुलिसवालों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि 2-3 जुलाई की मध्य रात्रि जब पुलिस दबिश देने गई थी तब विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम पर हमला किया। घटना के बाद विकास दुबे बिकरू गांव से भाग निकला।
इनामी बदमाश अमर दुबे उर्फ संदीप दुबे ढेर
घटना का वांछित और 50 हजार का इनामी बदमाश अमर दुबे उर्फ संदीप दुबे। हमीरपुर के थाना मौदाहा के अंतर्गत मार गिराया गया। स्थानीय पुलिस और एसटीएफ ने उसे मारा है। उसके पास से अवैध पिस्टल और कारतूस बरामद हुआ है। इसकी विकास दुबे के साथ कई तस्वीरें भी हैं। एक अन्य अपराधी श्यामू बाजपेई भी पकड़ा गया है। श्यामू के ऊपर भी 50000 का इनाम घोषित था।
संजीव दुबे और जहान यादव को पकड़ा
एडीजी ने बताया कि इस मामले में संजीव दुबे और जहान यादव नाम के दो अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया है। संजीव दुबे नामजद नहीं है लेकिन उसका नाम आया है इसलिए पुलिस ने उसे पकड़ा है। एडीजी ने बताया कि कानपुर शूटआउट में एक एके-47 और एक वेपन को बरामद किया जाना है। दो वेपन उसी दिन पुलिस ने बरामद कर लिया था।
विकास फरीदाबाद कैसे पहुंच गया
लोग यह सोच रहे थे कि शायद पुलिस कोई बड़ा खुलासा करेगी। कुछ अहम बातें कहेगी, लेकिन जिस तरह से एडीजी हर सवाल से बचते नजर आए, उससे ऐसा लग रहा था कि पुलिस को वास्तव में अभी कुछ खास हाथ नहीं लगा है। दूसरा सवाल यह भी है कि जब यूपी के बाॅर्डर सील किये गए हैं, फिर विकास फरीदाबाद कैसे पहुंच गया। अब तक पुलिस के पास विकास दुबे को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं हैं।