पिथौरागढ़- भारी बारिश और बादल फटने की घटना के बाद चीन सीमा से लगी व्यास घाटी में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग बह गया है। इस मार्ग पर फंसे स्थानीय लोगों को जान जोखिम में डालकर निकाला गया है। 50 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है, लेकिन अभी भी कई लोगों के घाटी में फंसे होने की संभावना है। घाटी में हालात कितने खतरनाक हैं, इस बात का अंदाजा सामने आये वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है।
रस्सियों के सहारे पार हो रहा पहाड़।
काली नदी के ऊपर पैदल मार्ग करीब आधा किमी तक भूस्खलन की वजह से बह गया है। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने भी हवाई मार्ग से आपदाग्रस्त क्षेत्र का जायजा लिया है। एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि मानसरोवर यात्रा मार्ग पर बीते दो दिन पहले बादल फटने की वजह से मालपा व नजंग के दोनों पुल बह गए।
पुल बहने की वजह से व्यास घाटी के सात गांव बूंदी, गब्र्यांग, गुंजी, नाबी, रौंगकोंग, नपलच्यू और कुटी गांवों सहित नेपाल के टिंकर और छांगरु गांवों के कई लोग रास्ते में फंस गए हैं। 50 के करीब लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है लेकिन वहां और लोगों के भी फंसने की संभावना है। प्रशासन लगातर रेस्क्यू अभियान चला रहा है ताकि फंसे हुए लोगों की मदद कर सके।
रेस्क्यू अभियान में SDRF, NDRF और ITBP की टीमें लगी हुई हैं। बादल फटने की वजह से पिथौरागढ़ में कितना नुकसान हुआ है अबतक उसका सही आंकड़ा तो सामने नहीं आया है लेकिन पिथौरागढ़ और कैलाश मानसरोवर मार्ग में किये गए रेस्क्यू अभियान के वीडियो से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां कितना भयामक स्थिति है।
आलम यह है कि खड़ी चढ़ाई पर लोगों को एक रस्सी के सहारे ऊपर खींचा जा रहा है। बादल फटने की वजह से लगभग 26 सड़क क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसके बाद ग्रामीणों को रस्सी के अलावा जेसीबी के सहारे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।