हल्दवानी- उत्तराखंड के ऊनी,खादी और सूती वस्त्रों में फैशन के फलक पर दुनिया भर में अपना परचम लहराने का माद्दा है। यहां की पोशाकें सलीके से पेश की जांए तो सात समुन्दर पार भी अपनी छाप छोड़ सकती हैं। लिहाजा सिले-सिलाए पोशाक के कारोबारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि विदेशी सैलानी सूबे की पोशाक पर फिदा हो सकें। ये मानना है राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत का। रावत ने कुमाऊं के प्रवेशद्वार माने जाने वाले हल्द्वानी में एक निजी शो रूम के उद्घाटन मौके पर ये बात कही। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंडी पोशाकों की तारीफ करते हुए कहा कि सूबे के पारंपरिक परिधानों को अन्तर्राष्ट्रीय फलक मिल सकता है बस जरूरत है उन्हें सहेजने सवांरने और फैलाने की। निजी शो रूम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि परिधानों के कारोबारी उनकी सलाह पर अमल करेंगे और राज्य की सभ्यता संस्कृति के प्रसार में अपना योगदान देंगे। उन्होने कहा हमारी पोशाकें हमारी सभ्यता और विकास का आईना है। विदेशी अगर हमारी पोशाकोंं पर रीझते हैं तो उसकी मांग करेंगे और मांग बढेगी । इसके हमारी संस्कृति से विेदेशी परिचित तो होंगे ही उत्तराखंडी परिधानों की बिक्री से राज्य की आमदनी में भी इजाफा होगा।