देहरादून : सूचना विभाग की नीतियों के विरोध में पत्रकारों की संयुक्त संघर्ष समिति ने सूचना निदेशालय में तीन घंटे तक सांकेतिक धरना दिया। पत्रकारों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि 26 जुलाई को सभी पत्रकार एकजुट होकर रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय में फिर से अपनी बातें रखने पहुंचेंगे। अगर मांगें नहीं मानी गयी तो संबंधित अधिकारी को माला पहना दी जाएगी, लीकन मांग नहीं मानी गयी तो, सूचना निदेशालय के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया जाएगा और किसी भी कर्मचारी को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
इस दौरान सूचना निदेशालय में सूचना विभाग के वर्तमान महानिदेशक कार्यकाल में प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र-पत्रिकाओं की निरंतर उपेक्षा के चलते पत्रकारों का आक्रोश फूट पड़ा। पहले हरेला पर्व और अब श्रीदेव सुमन की जयंती पर दिया जाने वाला विज्ञापन केवल गिने चुने आधा दर्जन समाचार पत्रों को जारी किया गया। विरोध में सयुंक्त संघर्ष समिति के बैनर तले दर्जनों पत्रकार सूचना निदेशालय में एकत्र होकर धरना दिया गया। इस मौके पर दिनेश शक्ति तिर्खा, अनिल वर्मा, सुरेन्द्र अग्रवाल, शिवप्रसाद सेमवाल, चन्द्रशेखर जोशी, संजीव पंत, विकास गर्ग, नरेश मनोचा, आलोक शर्मा, सोमपाल सिंह, जीतमणि पैन्यूली, अमित सिंह नेगी, केशव कुमार पचौरी सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने संबोधनों में सूचना विभाग की मनमानी के विरोध में संघर्ष छेडऩे का आह्वान किया।
अपर निदेशक सूचना डा.अनिल चन्दोला ने धरना स्थल पर आकर पत्रकारों से ज्ञापन लिया। ज्ञापन में मांग की गई है कि श्रीदेव सुमन से संबंधित विज्ञापन तत्काल जारी किया जाए, क्योंकि यह मात्र विज्ञापन का मामला नहीं है, वरन पत्रकारों के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। अगर इस न्यायोचित मांग को न मानकर महानिदेशक द्वारा हठधर्मिता दिखाई गई तो उग्र आंदोलन होगा, जिसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। कुल मिलाकर विपरीत मौसम एवं अल्प नोटिस के बावजूद कई पत्रकारों के जुटने से यह साबित हो गया है कि उत्तराखंड के पत्रकार अब सूचना विभाग की मनमानी को कतई बर्दाश्त नहीं करने वाले।