देहरादून : उत्तराखंड लोक संस्कृति के हर पहलू या कहें कि पूरी संस्कृति को देश और दुनिया के फलक पर चमकाने वाले लोक गायक, संगीतकार, रंगकर्मी, कवि और गीतकार जीत सिंह नेगी का निधन हो गया है। वो उत्तराखंड के पहले लोकगायक थे, जिनके गीतों को 1949 में ग्रामोफोन पर रिकाॅर्ड किया गया था। यंग इंडिया ग्रामोफोन कंपनी ने सबसे पहले उनके गाने जारी किये थे। 2 फरवरी 1925 को पौड़ी जिले के अयाल गांव में जन्मे जीत सिंह नेगी के गीत आज भी लोगों के दिलो-दिमाग पर छाए रहते हैं।
शाबासी मेरो मोती ढांगा
जीत सिंह नेगी अपने दौर के न केवल जाने-माने लोकगायक रहे। बल्कि संगीतकार, निर्देशक और रंगकर्मी भी रहे। दो हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक काम किया था। ‘शाबासी मेरो मोती ढांगा’ ‘रामी बौराणी’ ‘मलेथा की गूल’ जैसी गीत नाटिकाएं और नाटक आज भी लोगों की पहली पसंद हैं। इन गीत नाटिकाओं ने लोकप्रियता के चरम को हासिल किया था।
ऑल इंडिया रेडियो पर पहले लोकगायक
जीत सिंह नगी उत्तराखंड के पहले ऐसे गायब बने थे, जिनके गानों को आॅल इंडिया रेडियो ने प्रसारित किया था। इतना ही नहीं, उनके ‘शाबासी मेरो मोती ढांगा’ गाने को चीनी प्रतिनिधिमंडल ने कानपुर में रिकॉर्ड किया था और फिर उसे बल्कि रेडियो पीकिंग पर भी प्रसारित किया था।
लोकप्रिय हुआ था गीत
1950 के दशक की शुरूआत में रेडियो से यह गीत प्रसारित हुआ तो उत्तराखंड से लेकर देश के महानगरों तक प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच पलक झपकते ही बेहद लोकप्रिय भी हो गया था। इस खुदेड़ गीत के बोल थे, ‘तू होली उंचि डांड्यूं मा बीरा-घसियारी का भेष मां-खुद मा तेरी सड़क्यां-सड़क्यों रूणूं छौं परदेश मा।’ (तू होगी बीरा उंचे पहाड़ों पर घसियारी के भेष में और मैं यहा परदेश की सड़कों पर तेरी याद में भटक रहा हूं-रो रहा हूं।
गढ़वाली नाटक
जीत सिंह नेगी के निर्देशन में 1954-55 में दिल्ली में आयोजित गढ़वाली नाटक ‘भारी भूल’ का मंचन हुआ। कई अच्छे कलाकार नेगीजी की टोली से जुड़े रहे। मुंबई-दिल्ली-चंडीगढ़ समेत देश के कई प्रमुख नगरों में उस दौर में नेगीजी के गीत और नाटक श्रोताओं-दर्शकों को मंत्रमुग्ध करते थे।
नेगी के निधन पर शोक
94 साल के जीत सिंह नेगी ने अपने धर्मपुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से लोक कलाकारों के साथ ही प्रदेशवासियों में शोक है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड के लोकगायक और गीतकार जीत सिंह नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।