12 साल की बेटी कानपुर से बनारस तक तैरकर जाएगी
कानपुर-गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के संदेश देने और अपने हौसले को आजमाने के लिए उत्तरप्रदेश की जल परी मां गंगा की लहरों में उतरी हुई है। गोताखोर पिता और दादा की पोती 12 साल की श्रद्धा शुक्ला की चर्चा पूरे देश में हो रही है। कानपुर की रहने वाली श्रद्धा शुक्ला देश की बेटी बन चुकी है। ‘जलपरी’ के रूप में मशहूर श्रद्धा एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए तेज बहाव के बावजूद गंगा की लहरों में ऊतर चुकीं हैं। मां गंगा की असली बेटी श्रद्धा कानपुर से बनारस तक का 570 किलोमीटर सफर मां गंगा की लहरों में तैर कर पूरा करेगी।
गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने का संदेश देने और अपनी तैराकी के हुनर की जल परीक्षा लेने वाली श्रद्धा शुक्ला अगले ओलंपिक में अपनी जगह सुनिश्चित करवाना चाहती है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में उफनाती गंगा में 570 किलामीटर की तैराकी के लिए श्रद्धा ने पानी में डुबकी लगा दी है।
खबर है कि मैस्कर घाट से बनारस तक की दूरी वह 70 घंटे में तय करेंगी जिसके लिए उनका ठहराव छह स्थानों पर होगा । श्रद्धा चार साल की उम्र से गंगा में तैराकी कर रही है यूपी की इस जलपरी आज तक सरकार की नजर नही पड़ी है। श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला और बाबा गोताखोर रह चुके हैं, जो श्रद्धा का हौसला बढाते हैं. श्रद्धा के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना उसका और उसके परिवार का सपना है। अब उम्मीद है कि सरकार की नजर अपनी जलपरी पर पड़ जाए और वे उसे तैराकी की बेहतर तालीम दिला सके ताकि फिर कोई बेटी खेल की दुनिया में भारत का नाम रोशन कर सके।