इन सबके बीच पाक के पीएम इमरान ख़ान ने अपने देश को संबोधित किया और कहा कि उनकी सेना को मजबूरी में जवाब देना पड़ा. इमरान ख़ान ने कहा कि दोनों मुल्कों के पास जो हथियार हैं और उन हथियारों के साथ युद्ध में जाया गया तो अंजाम का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
इमरान ख़ान ने कहा कि मेरे पाकिस्तानियों…कल से जो हालात बन रहे हैं उस पर मुझे आपसे कुछ कहना था. पुलवामा के बाद मैंने हिन्दुस्तान को जांच में सहयोग का ऑफर दिया था. मुझे पता है कि ऐसे हमलों में पीड़ित परिवारों पर क्या गुजरता है. इसलिए हमने सीधा-सीधा ऑफर किया था. हमने ये इसलिए कहा था कि हमारी ज़मीन का इस्तेमाल हो दहशतगर्द के लिए ना हो.
उन्होंने कहा कि हमारी मजबूरी थी कि हम प्रतिक्रिया दें. कोई भी संप्रभु मुल्क ऐसे चुप नहीं बैठ सकता है. हम चुप रहकर ख़ुद को अपराधी नहीं बना सकते थे. हमने बुधवार को जवाब दिया और बताया कि आप हमारे मुल्क में आ सकते हैं तो मैं भी आ सकता हूं.