लक्सर– रायसी में अंधेरगर्दी की हद हो गई है, सुबह सात बजे ही यहां डबल इंजन के दौर में आवंटित देशी शराब का ठेका खुल जाता है। इससे भी ज्यादा हैरत की बात तो ये है कि शराब का ठेका एक स्कूल से सिर्फ 50 मीटर की दूरी से भी कम दूरी पर आवंटित किया गया है।
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जबकि आबकारी का कानून कहता है कि नशीले पदार्थों की बिक्री तो स्कूल के पास हो ही नहीं सकती बावजूद इसके यहां देशी शराब की दुकान सुबह से ही अपने शौकीन ग्रहाकों को रिझाने में चालू हो जाती है।
स्थानीय निवासियों से लेकर स्कूल की अध्यापिकाएं सभी ठेके और शराबियों के उत्पात से परेशान है। इनकी माने तो आए दिन सुबह से लेकर शाम तक स्कूल के आस-पास शराबी हुड़दंग, लड़ाई-झगड़ा करते रहते हैं। जिसके चलते स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सहमे रहते हैं और स्कूल आने-जाने में भारी दिक्कत का सामना करने को मजबूर होते हैं। स्कूल प्रशासन की माने तो उन्होंने इसकी शिकायत लक्सर SDM सहित विभाग के सभी अधिकारियों को किया लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई और शराब का ठेका बदस्तूर जारी है।
बताया जा रहा है कि कई बच्चों को तो उनके परिजनों ने स्कूल भेजना ही बंद कर दिया है। जबकि स्कूल ने मध्यावकाश भी बंद कर दिया है। जबकि बच्चों को छुट्टी के वक्त शराब की दुकान से तकरीबन 200 मीटर दूर तक छोड़ने की व्यवस्था भी करनी पड़ी है ताकि कोई अनहोनी न हो।
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स्कूल की अध्यापिका की माने तो कई बार शराबी बदतमीजी पर उतारू हो जाते हैं। ऐसा नहीं कि प्रशासन के पास शराब के ठेके की कारगुजारियों की खबर न हो। खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर एसडीएम तक सबको स्कूल प्रशासन से इतला कर रखी है बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। लिहाजा लगता ही नहीं कि, उत्तराखंड के आबकारी महकमे की जद मे लक्सर का रायसी इलाका भी होगा। देशी शराब के कारोबारी के अच्छे दिन आए हुए हैं उसके लिए रायसी में राम राज है।
ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज हरकत में है भी या यूं ही इसके नाम पर मुलाजिम पगार लेने के लिए जनता पर बोझ बने हुए हैं। सवाल ये भी है कि आखिर इस राज्य में प्रचंड बहुमत वाली सरकार के लिए जरूरी क्या है बच्चों के लिए तालीम या शराबियों के लिए शराब।