लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। आप भोजन, रीडिंग, ड्राइविंग, फोन पर बात करते वक्त, कंप्यूटर व मोबाइल पर काम करते हुए या फिर टीवी देखते हुए, हर समय बैठे रहते हैं। ये सब चीजें आपकी दिनचर्या में बड़े स्तर पर शामिल हैं। ऐसी स्थिति में दिन के 24 घंटों के दौरान आपके बैठे रहने का समय भी काफी बढ़ गया है।
ऑनलाइन ऑर्डर के इस दौर में अब खाने का सामान भी सीधा लोगों के दरवाजे पर पहुंचने लगा है। ऐसे में व्यस्कों में और लंबे समय तक बैठे रहने की प्रवृत्ति बढ़ने की आशंका है।
बिना ब्रेक के लंबे समय तक बैठे रहना घातक साबित
ताजा यूसीएलए शोध बताता है कि बिना ब्रेक के लंबे समय तक बैठे रहना घातक साबित हो सकता है, खासतौर पर अधिक उम्र वाले व्यस्कों के लिए। वर्तमान में अधिक उम्र के व्यस्क जितने समय सक्रिय रहते हैं, उसका 56 से 86 प्रतिशत समय बैठे रहते हैं।
बैठने की बजाए खड़े होकर काम करने से डायबिटीज का खतरा कम
शोध के मुताबिक बैठने की बजाए खड़े होकर काम करने से डायबिटीज का खतरा कम होता है। रिसर्च में पता चला है कि चाहे आप नियमित व्यायाम भी करते हों, मगर ज्यादा देर तक बैठकर काम करना डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है।
65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को डायबिटीज से बचने के लिए काम के दौरान नियमित तौर पर खड़े होना चाहिए।
कैसे नुकसान पहुंचाता है देर तक बैठे रहना
जब आप घंटों तक एक जगह बैठे रहते हैं तो आपकी पैरों की मांसपेशियां निष्क्रिय रहती हैं। ये निष्क्रियता वजन बढ़ने और डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह है। ये समस्याएं आगे जाकर हृदय व रक्तचाप संबंधी रोगों को जन्म देती है।
दो तरह के लोगों में किया गया अध्ययन
शोध में दो तरह के लोगों पर अध्ययन किया या। एक वह जो 8-8 घंटे एक जगह पर बैठे रहते हैं और दूसरे वह जो आधे आधे घंटे में खड़े होते रहते हैं, इधर-उधर चलते-फिरते रहते हैं। विश्लेषणात्मक अध्ययन से यह देखा गया कि लंबे समय तक बैठे रहने वाले लोगों में डायबिटीज और मोटापे का खतरा ज्यादा रहता है।
नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने 40 से 75 वर्ष तक उम्र के 2500 से ज्यादा लोगों पर अध्ययन किया और पाया कि लंबे समय तक बैठे रहना टाईप 2 डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ा हुआ है।