देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत की उपेक्षा को लेकर पिछले दिनों कांग्रेस में दोफाड़ जैसी स्थिति खड़ी हो गई थी। कांग्रेस के नेताओं ने पोस्टर में पूर्व सीएम हरीश रावत का फोटो नहीं छापने को लेकर सवाल खड़े किए थे। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत के समर्थन में बयान दे रहे विधायकों पर ही सवाल खड़े किए थे। इसके बाद बयान देने वाले विधायकों ने भी इंदिरा हृदेयेश पर पलटवार किया था।
पोस्टर विवाद पर छिड़ी बहस के बीच हरीश रावत ने पहली बार कोई बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन इतना छोटा नहीं है कि वो एक पोस्टर में सिमटकर रह जाए। उन्होंने राजनीति में जो हासिल किया है, अगर किसीको लगता है कि पोस्टर नहीं छापने से वो समाप्त हो जाएंगे, तो इस एसी राजनीति को तत्काल तीलांजली देना चाहते हैं।
हदरा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि पोस्टर नहीं लगाने से किसे फायदा हो रहा है। पूर्व सीएम नहीं कहा कि उनको पोस्टर लगाने और नहीं लगाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर उनका फोटो पोस्टर में लगा भी देते तो क्या हो जाता।