देहरादून – चुनावी बेला पर मधुर संगीत न बजे तो कर्यकर्ताओं में जोश नही आता। सुना है जोश दिलाने के लिए लाल बत्ती थोक में बंटने वाली है और माना जा रहा है कि राज्य की मौजूदा सरकार चुनाव मैच फतह करने के लिए लाल बत्ती का शतक भी लगा सकती है। वैसे भी कहा जाता है जितना गुड़ डालोगे उतना ही मीठा होगा।
दरअसल जब से बगावत हुई है तब से संगठन और सरकार के बीच हाल क्या है जनाब का जैसा हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष अक्सर रावत सरकार के फैसलों पर मीन-मेख निकाल कर कटघरे में खड़ा कर देते हैं। जिसे लेकर दिल्ली दरबार में निजाम और सेनापति दोनो दिग्गजों को हाजिरी भी देनी पड़ी थी। सुना है कि सेनापति नें पीडीएफ से अपनी नाराजगी को लेकर अपना पक्ष रखा था और निजाम ने अपना। एक को लगता है कि पीडीएफ को ज्यादा तरजीह से कांग्रेस के सिपाहियों का मनोबल टूट रहा है तो निजाम का तर्क था कि मुसीबत के समय जो साथ दे वही असली मित्र होता है और मित्र का साथ हर हाल मे देना चाहिए।
ऐसे मे सुना है कि आलाकमान ने चुनावी जंग फतह करने के लिए मुख्यमंत्री को लाल बत्ती बांटने की इजाजत दे दी है ताकि कार्यकर्ता खुश रहें और चुनावी जंग में पूरी जान लगा दें। माना जा रहा है कि लाल बत्ती के थोक आंवटन की प्रक्रिया में संगठन के मुखिया की सलाह को दरकिनार करना साहब के लिए मुश्किल होगा। हालांकि माननीय बनाना उनका विशेषाधिकार है । जब से ये खबर आई है कांग्रेस मुख्यालय हो या सीएम आवास हर जगह रौनक है। न जाने कौन सा आम कार्यकर्ता खास माननीय बन जाए।