देहरादून(पं.चंद्रबल्लभ फोंदणी)—बात निकली है तो दूर तलक जाएगी। देहरादून के नगर निगम में डाक्टरों के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सूबे के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने जो बात कही है उसका एहसास उन्हें तब हुआ जब इलैक्ट्रानिक मीडिया के सवाल उठाने के बाद उन्होंने बात को दूसरे अंदाज में पेश किया। लेकिन तब तक हरक डबल इंजन की आड़ में सरकार की काबिलियत पर इशारों ही इशारों में सवालिया निशान लगा चुके थे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जनता ने मजबूत सरकार बनाई है। बावजूद इसके सूबे की सरकार की जनता यूपी के योगीराज से तुलना कर रही है। हालांकि उत्तराखंड मे सरकार एक दिन पहले बनी बावजूद इसके यूपी के अदित्यनाथ के चर्चे देश-दुनिया में हो रहे हैं। योगी टीआरपी बटोर रहे हैं जबकि एक दिन पहले बनी टीएसआर सरकार उस जगह पहुंच गई है जहां उसकी न तो मीडिया मे चर्चा है न परखने वालों को जमीन पर कुछ दिख रहा है।
आलम ये है कि सोशल मीडिया मे तमाम उठी उंगलियों के बीच ही टीएसआर सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी जज्बाती होकर नेतृत्व को कटघरे मे खड़ा कर दिया है। हरक ने किसी दौर में अपने धुर विरोधी रहे नेताओं के नेतृत्व की तारीफ की है। जबकि सभी सरकारों के दौर में दिशाहीन होते जा रहे उत्तराखंड राज्य निर्माण को ही गलत ठहरा दिया।
बहरहाल बड़ी बात ये है कि, हरक ने सूबे के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की तारीफ करके टीएसआर समेत भाजपा आलाकमान को भी असहज कर दिया है। रावत ने भाजपा के डा रमेश पोखरियाल निशंक और कांग्रेस के हरीश रावत को काबिल नेता करार दिया।
हालाकि मौजूदा वक्त में डा. निशंक कुशल नेतृत्वकारी, व्यवहार कुशल, प्रखर वक्ता और हरिद्वार सांसद होने के बावजूद हाशिए पर हैं। जबकि विधानसभा चुनाव में दो जगह से चुनाव हारने के बावजूद सियासत की पाठशाला हरदा अब कभी सड़क पर तो कभी सोशल मीडिया में दस्तक देकर सक्रिय होने की कवायद में जुटे हैं ।
खैर प्रासंगिक बात ये है कि हरक सिंह रावत के बयान का सियासी माएने ढूंढने का सिलसिला शुरू हो गया है। पैनी नजर रखने वाले हरक के बयान को सूबे की सियासत के गर्भ में नए समीकरण की रोपाई मान रहा है। तो किसी को इसमें बड़े बदलाव या बिखराव का संकेत नजर आ रहा है। हालांकि कहने वाले हरक सिंह रावत के लिए भी कह रहे हैं कि ,
“कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से
अजीब मिजाज का शहर है, जरा फासले से मिला करो।”
तय है कि सियासत में कोई हरकत हुई तो हरक का बयान गवाह बनेगा।